Bageshwer: बागेश्वर मेले में बढ़ी भोटिया कुत्तों की डिमांड, 5 से 22 हजार रुपये तक बिक रहे हैं, जानें- खासियत
Bhotia Dogs demand in Bageshwer Mela: मेले में आए व्यापारी ने बताया कि भोटिया कुत्तों को उनकी बेजोड़ ताकत और वफादारी के लिए जाना जाता है. इस साल मेले में खूब भीड़ उमड़ रही है.
Bageshwer Mela 2023: उत्तराखंड के बागेश्वर (Bageshwer) में उत्तरायणी मेला चरम पर चल रहा है ये मेला हजारों साल पुराना होने के साथ-साथ आज भी अपने अस्तित्व को भी बचाए हुए है. इस मेले का धार्मिक रूप होने के साथ साथ व्यापारिक रूप भी है. इस मेले में तिब्बत व्यापार के समय से कुत्तों का व्यापार आज भी चला आ रहा है. उत्तरायणी मेले में भोटिया (Bhotia) प्रजाति के कुत्तों (Dogs) की हर साल मांग रहती है. इस बार भी इस प्रजाति के कुत्तों को खरीदारी के लिए लोग उमड़ रहे हैं.
उत्तरायणी मेले में मल्खा डुर्गंचा से कुत्ते लेकर आए तिल राम ने बताया कि उनके पास बेहतरीन नस्ल के कुत्ते हैं जो अलग-अलग दाम में उपलब्ध हैं. एक पिल्ले की कीमत साढ़े 5 हजार रुपये से 22 हजार तक है. बता दें कि भोटिया कुत्तों के लिए पूरे प्रदेश से लोग उत्तरायणी मेले में पहुंचते है. भोटिया कुत्तों को उनकी बेजोड़ ताकत और वफादारी के लिए जाना जाता है. कुत्तों के बाजार में इस साल भारी भीड़ नजर आ रही है. इस बार ये मेला दो साल बाद लग रहा है ऐसे में इन कुत्तों के दामों में भी भारी बढ़ोतरी हो गई है.
मेले में आए एक और व्यापारी महेश आगरी ने बताया कि वो सालों से इस मेले में आ रहे हैं. उनके पूर्वजों के समय से चल रहे इस कारोबार को वो आज भी बचाए हुए हैं. मेले में कारोबार कभी अच्छा तो कभी बुरा भी होता है. इस बार काफी अच्छा व्यापार हो रहा है. उन्होंने 18 हजार तक का कुत्ता कल ही बेचा है. महेश आगरी ने कहा कि भोटिया नस्ल का कुत्ता काफी ईमानदार होता है. इसका हम लोग सालों से संरक्षण करते आ रहे हैं.
एक और व्यापारी महेश चंद्र ने बताया की पहले के मुकाबले आज कुत्तों का कारोबार काफी अच्छा हुआ है. वो खुद 10 कुत्ते लाए थे, जिनमें से 8 कुत्तों को वो अब तक बेच चुके हैं. उन्हें कुत्तों के दाम भी अच्छे मिले हैं. उनके साथ आए कई व्यापारी अपने सारे कुत्ते बेचकर घर भी जा चुके हैं. भोटिया कुत्तों को लेने दूसरे जिलों से भी लोग यहां पर पहुंच रहे हैं. वहीं चतुर राम नाम के व्यापारी ने कहा कि ये मेला अब पहले जैसा नहीं रह गया है. पहले यहां पर काफी अच्छा मेला हुआ करता था. अब वो बात नहीं है. मैं करीब 35 सालों से इस मेले में आ रहा हूं पर कोरोना के बाद आज दो साल बाद हुए मेले में अच्छा कारोबार नहीं हो रहा है.