UP News: बागपत (Baghpat) के छपरौली थाना (Chhaprauli) क्षेत्र के बाछौड़ गांव में 24 मई को पुलिस दबिश और थाने जाने के डर से जहर खाने वाली किशोरी और उसकी मां की मौत हो गई. जिसके बाद शव को जैसे ही घर लाया गया तो महिलाओं ने एंबुलेंस से शव को नीचे नहीं उतरने दिया. दबिश देने वाले आरोपी दारोगा और लापता युवती के परिजनों के खिलाफ कार्रवाई के बाद ही अंतिम संस्कार करने की शर्त रख दी. पुलिस-प्रशासन और परिजनों की वार्ता के बाद दोनों शवों का अंतिम संस्कार कराया गया. जबकि एक युवती की 24 मई की रात ही मौत हो गई थी.
क्या है मामला?
छपरौली थाना क्षेत्र के बाछौड़ गांव में दलित कांति ने इसी माह तीन मई को अपने ही गांव के प्रिंस पुत्र महक सिंह के खिलाफ अपनी बेटी कोमल को बहला फुसलाकर ले जाने का मुकदमा कराया था. पुलिस प्रिंस और कोमल की तलाश कर रही थी. 24 मई को सूचना के बाद छपरौली पुलिस ने आरोपी युवक प्रिंस के घर दबिश देकर युवती कोमल को बरामद करने का प्रयास किया. लेकिन घर पर न तो प्रिंस मिला और न कोमल, जिसके बाद पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो प्रिंस की मां और दो बहनों की पुलिस से नोकझोंक हो गई.
विरोध के बाद दर्ज हुआ था केस
इससे परेशान होकर आरोपी युवक प्रिंस की मां गीता, बड़ी बहन स्वाति और छोटी बहन प्रीति ने जहर खा लिया था. जिसके बाद तीनों को मेरठ के अस्पताल में भर्ती कराया. जहां 24 मई की रात ही 20 साल की स्वाति की मौत हो गई थी. 25 मई को गांव में स्वाति का शव लाया गया तो परिजनों ने दबिश देने वाले दारोगा नरेशपाल, लापता युवती कोमल के दो भाई और तीन पड़ोसी युवकों के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी. पुलिस ने सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दारोगा को लाइन हाजिर कर दिया था, जिसके बाद स्वाति के शव का अंतिम संस्कार कर दिया था.
मुआवजा की रखी मांग
25 मई की रात प्रीति और 26 मई की तड़के तीन बजे गीता (मां) ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया. आज शाम प्रीति और गीता के शव गांव में पहुंचे तो महिलाओं ने दोनों एंबुलेंस को सड़क पर रोक लिया और धरना देकर बैठ गई. आक्रोशित परिजन और ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि दारोगा समेत अन्य पांच आरोपितों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को 75 लाख रुपए का मुआवजा देने पर ही शवों का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
डीएम ने दिया आश्वासन
सीओ बड़ौत युवराज सिंह, सीओ बागपत अनुज मिश्र, एसडीएम सुभाष सिंह, एएसपी मनीष कुमार और एडीएम अमित कुमार से वार्ता के बाद समाधान नहीं निकला पाए. तब देर शाम एसपी नीरज कुमार जादौन, डीएम राजकमल यादव लोगों के बीच पहुंचे और वार्ता शुरू की. रात आठ बजे डीएम ने पीड़ित परिवार की उचित मदद करने का आश्वासन दिया तो परिजनों ने दोनों के शवों के अंतिम संस्कार कर दिया. गांव में तनाव को देखते ही बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा.
क्या बोले डीएम
बागपत के ज़िलाधिकारी राजकमल यादव ने बताया, "हमने मामले की जांच क्राइम ब्रांच को दी है. एएसपी जांच कर कर रहे है. जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी उनके पत्र मे उनकी डिमांड है उस पर कार्रवाई करेंगे, अभी वो (आरोपी दरोगा) लाइन हाजिर है. जांच मे दोषी पाए जाएंगे तो कार्रवाई करेंगे."
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