बागपत: दिल्ली-सहारनपुर हाइवे पर धरना दे रहे किसानों को पुलिस ने खदेड़ा, जमकर भांजी लाठियां
धरने में मौजूद एक किसान ने लाठीचार्ज की वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. जिसके बाद प्रशासन की बेरहमी पर सवाल उठ रहे हैं. लेकिन प्रआशसन का दावा है कि कार्रावाई को बेहद शांति पूर्ण और व्यवस्थिति तरीके से किया गया. देशखाप चौधरी सुरेंद्र सिंह की अगुवाई में 19 दिसंबर को किसानों ने दिल्ली-सहारनपुर हाईवे की एक साइड में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था.
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में बागपत के बड़ौत शहर में दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर 19 दिसंबर से चले आ रहे किसानों के धरने को देर रात पुलिस ने जबरन उठवा दिया है. पुलिस ने धरने में सो रहे किसानों को लाठियां भांज कर खदेड़ दिया और टेंट को उखाड़ कर सामान भी वहां से हटवा दिया. उधर, धरनास्थल से किसानों पर लाठीचार्ज का वीडियो वायरल हुआ है जबकि पुलिस-प्रशासन इस कार्रवाई को शांतिपूर्ण ढंग से होने का दावा कर रहा है.
कृषि कानूनों के विरोध में देशखाप चौधरी सुरेंद्र सिंह की अगुवाई में 19 दिसंबर को किसानों ने दिल्ली-सहारनपुर हाईवे की एक साइड में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था. पुलिस-प्रशासन ने धरना समाप्त करने के लिए किसानों के साथ बातचीत का दौर शुरू किया, लेकिन किसानों ने धरना समाप्त नहीं किया. कुछ दिन बाद देशखाप चौधरी धरना समाप्त करने की बात कहते हुए सिंघु बॉर्डर की ओर बढ़ गए, लेकिन बड़ौत शहर के चौधरी ब्रजपाल सिंह के नेतृत्व में यह धरना जारी रहा. किसानों के मान मनव्वल के बाद देशखाप चौधरी ने फिर धरने को समर्थन दे दिया था.
पुलिस-प्रशासन धरने को समाप्त करने के लिए लगातार किसानों पर दबाव बना रहा था. जैसे ही दिल्ली में बवाल हुआ तो उसके अगले ही दिन पुलिस प्रशासन ने धरना समाप्त करने के लिए किसानों के साथ बडौत तहसील में बैठक की, जिसमें एडीएम अमित कुमार, एएसपी मनीष कुमार मिश्र ने किसानों से धरना समाप्त करने को कहा, लेकिन ब्रजपाल सिंह समेत दूसरे किसानों ने धरना समाप्त करने से मना कर दिया और कहा कि सिंघु बॉर्डर के साथ साथ यह धरना चलता रहेगा.
किसानों की ओर इनकार के बाद प्रशासन ने रात के समय धरने को उठाने की रणनीति बनाई ताकि हंगामा न हो सके. प्रशासन ने इसके लिए पहले एनएचएआई के अधिकारियों ने निर्माणाधीन हाईवे को मुक्त कराने के लिए प्रशासन को पत्र लिखा. जिसके बाद देर रात भारी संख्या में पुलिस धरनास्थल पर टेंट में घुस गई. वहां सो रहे किसानों पर पुलिस ने लाठियां बरसा दी और वहां से किसानों को खदेड़ दिया. पुलिस ने उनका टेंट भी हटवा दिया. धरने पर जिस समय यह कार्रवाई हुई है वहां लगभग 30 किसान मौजूद थे.
धरने में मौजूद एक किसान ने लाठीचार्ज की वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. जिसके बाद प्रशासन की बेरहमी पर सवाल उठ रहे हैं. लेकिन प्रआशसन का दावा है कि कार्रावाई को बेहद शांति पूर्ण और व्यवस्थिति तरीके से किया गया. एडीएम अमित कुमार सिंह का कहना है कि एनएचएआई के पीडी संजय मिश्रा ने दिल्ली सहारनपुर हाईवे के निर्माण में कुछ अराजक तत्वों के बाधा पहुंचाने के कारण निर्माण कार्य पूरा न होने की शिकायत करते हुए पत्र लिखा था. इसी पर हाइवे पर धरना दे रहे लोगों को हटा कर घर भेज दिया गया है. एक एम्बुलेंस में एक बुजुर्ग किसान को उनके घर तक छुड़वाया गया. किसानों पर लाठीचार्ज नहीं किया गया है.
इसे भी पढ़ें-
खालिस्तानी और पाकिस्तानी मंसूबों का गठजोड़ बेपर्दा, लाल किले के उपद्रव को भुनाने में जुटा