Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश का बागपत हेलमेट पहनने को लेकर सुर्खियों में बना रहता है. यहां कभी महिलाओं की चोटी काटने वाला गिरोह सक्रिय हो गया था, जिस वजह से बागपत में महिलाएं रात को सिर पर हेलमेट लगाकर सोती थीं. यहां ज्यादा गर्मी पड़ी तो बागपत में बचाव के लिए किसानों ने सिर पर हेलमेट लगाकर खेतों में काम किया. बरसात में रोडवेज की जर्जर बस की छत टपकने लगी तो चालक ने हेलमेट पहनकर बस चलाई. एक बार फिर से हेलमेट को लेकर बागपत से ही चौथी तस्वीर सामने आयी है. इस बार जर्जर भवन की छत से प्लास्टर गिरने का डर सताया तो जान बचाने के लिए कर्मचारियों ने हेलमेट लगाकर काम करना शुरू कर दिया. कोई उपभोक्ताओं की समस्या सुन रहा है, तो कोई रजिस्टर पर अपना काम कर रहा है. इंजीनियर हेलमेट लगाकर कंप्यूटर चला रहे हैं. 


हेलमेट पहनकर काम करते कर्मचारी


बागपत के बड़ौत शहर के पावर कारपोरेशन लिमिटेड के कार्यालय का मकान खंडहर हो चुका है. इसी भवन में बैठकर कर्मचारी हर रोज अपना कामकाज निपटाते हैं. मकान इतना जर्जर है कि कब भर-भराकर गिर जाए या छत से प्लास्टर टूट कर गिर जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता. ऐसे में यहां के कर्मचारी अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सिर पर हेलमेट पहनकर काम करने को मजबूर हैं. गर्मी हो या सर्दी या फिर बरसात, सभी मौसम में कर्मचारी हेलमेल पहनकर ही काम करते हैं. बागपत जनपद में चार बिजली परीक्षण शालाएं हैं, जिनमें दो बिजली परीक्षण शाला बड़ौत शहर में, एक खेकड़ा कस्बे और दूसरा बागपत शहर में है.


इन चारों स्थानों पर सहायक इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर, नोडल अधिकारी, संविदा कर्मचारी के अलावा लिपिक समेत 45 से अधिक कर्मचारी कार्य करते हैं. कर्मचारी बताते हैं कि इस मकान की सालों पहले मरम्मत हुई थी, जिसके बाद अब ये जर्जर हो चुका है. इस मकान से आये दिन छत से प्लास्टर टूट कर गिरता रहता है. बरसात में भवन की छतें टपकने लगती है. कई कर्मचारी तो यहां से अपना ट्रांसफर भी करवा चुके हैं. हैरत की बात तो यह है कि आये दिन आला-अफसरों को जर्जर भवन की शिकायतें कर मरम्मत की मांग की जाती है, लेकिन उसके बाद भी अधिकारी यहां का निरीक्षण करने नहीं आते हैं.


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