UP News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'जल जीवन मिशन' को बागपत में जल निगम ने ऐसा पानी पिलाया कि करोड़ों रुपये की परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट ही चढ़ गई. 170 गांवों में पेयजल परियोजनाओं में से दो गांवों की पड़ताल में सामने आया है कि जौहड़ी गांव में 3.12 करोड़ रुपये की परियोजना तैयार तो हो गई, लेकिन अभी तक एक भी बूंद लोगों को मयस्सर नहीं हो सकी है.
बताया जा रहा है कि लोगों की शिकायत अधिकारी सुनने के लिए तैयार नहीं है. दूसरे गांव अंगदपुर में 2.81 करोड़ रुपये की परियोजना के अंतर्गत पेयजल टंकी का निर्माण तालाब किनारे ही कर दिया, जिससे दूषित पानी लोगों के घरों में जा रहा है.
अंगदपुर में बनी टंकी कभी खराब रहती है तो कभी चालू हालत में रहती है. लोगों के घरों में पीला पानी पहुंच रहा है. दोनों गांवों में पेयजल परियोजना के विकास से लोग कतई संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं. खास बात यह है कि जल निगम ने अपनी वेबसाइट पर परियोजना को चालू हालत में दर्शाया है.
अधूरे काम को कागज में बताया पूरा
जल निगम के अभिलेखों में बड़ौत ब्लाक के जौहड़ी गांव में पेयजल परियोजना का कार्य मार्च 2024 में पूरा हो गया है, लेकिन धरातल पर अभी भी 11 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाने का कार्य अधूरा है. नलकूप और 175 किलोलीटर क्षमता वाली पेयजल टंकी बन गई है, जिससे पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हुई है. इस परियोजना पर 3.12 करोड़ रुपये व्यय हुए हैं.
दस हजार की आबादी वाले गांव में डेढ़ साल पहले पेयजल परियोजना का कार्य शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक घरों में पानी की आपूर्ति नहीं हुई है. एक बार पेयजल आपूर्ति की टेस्टिंग हुई थी, जिसमें जगह-जगह पाइपों से पानी की फव्वारे निकल पड़े. परियोजना के कार्य को गुजरात की मै. एलसी इंफ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कर रही है. अधिकारी ग्रामीणों की समस्या को सुनने को तैयार नहीं है.
गांव में आ रहा पीला पानी
अंगदपुर गांव में पेयजल परियोजना पर 2.81 करोड़ रुपये व्यय हुए हैं. इस परियोजना का निर्माण मार्च 2024 में पूरा हो चुका है. ग्रामीणों की शिकायत है कि जल निगम ने पेयजल टंकी का निर्माण तालाब के किनारे करवा दिया है, जिससे घरों में पहुंचने वाले पानी में कुछ ही देर में पीलापन आ जाता है, जो पीने में बेकार लगता है.
आधे गांव में पानी प्रेशर के साथ आगे नहीं बढ़ता है. यह सोलर ऊर्जा से संचालित है. आठ हजार आबादी वाले इस गांव में 6 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई गई है. 200 किलोलीटर क्षमता वाली टंकी से कई बार पानी भी नीचे टपकने लगता है.
सरकार ने गांव में करोड़ों रुपये की लागत से पेयजल टंकी का निर्माण तो करा दिया, लेकिन यह परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. पाइप लाइन डालने के लिए गांव के रास्ते खुदवा दिए गए, लेकिन घरों तक पानी की एक बूंद नहीं पहुंची है. पाइप लाइन में लीकेज की बड़ी समस्या आ रही है. ग्रामीण लगातार परियोजना की जांच की मांग कर रहे हैं.
जेई ने दिया जांच का आश्वासन
जल निगम के जूनियर इंजीनियर मोहम्मद हारून ने फोन पर बताया कि जौहड़ी गांव में शुरुआती दौर में टंकी को चलाने के कुछ दिक्कत आयी थी, अभी लीकेज कुछ समस्या बाकी है. जिसे सही किया जा रहा है, टंकी में पानी भरा हुआ है. जेई ने बताया कि पेयजल परियोजना का डीडीओ भी निरीक्षण कर चुके हैं. अंगदपुर गांव में पानी की जांच कराई जाएगी.
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