उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बागपत (Baghpat) और हरियाणा (Haryana) के पानीपत जनपद के बीच यमुना पर निर्माणाधीन पुल का निर्माण तेजी नहीं पकड़ रहा है. यही कारण है कि जो निर्माण वर्ष 2020 में पूरा हो जाना चाहिए था वह निर्माण अभी तक 65 प्रतिशत ही पूरा हुआ है. निर्माण कार्य को जल्द पूरा कराने के लिए सांसद डाक्टर सत्यपाल सिंह (Baghpat MP Dr. Satyapal Singh) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहार लाल खट्टर (CM Manohar Lal Khattar) से मिले और पुल का निर्माण जल्द पूरा कराने का अनुरोध किया ताकि दोनों राज्यों के लाखों लोगों को फायदा हो सके.
2018 में शुरू हुआ था निर्माण
बागपत जनपद की बड़ौत तहसील के नांगल गांव और पानीपत की समालखा तहसील के अट्टा गांव के बीच यमुना नदी पर लगभग 84.36 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले पुल का निर्माण वर्ष 2018 में शुरू हुआ था. पुल का निर्माण 24 माह के अंदर करना था, लेकिन अभी तक लगभग 60 प्रतिशत काम ही पूरा हुआ है. पुल पर 17 पोल का निर्माण होने के बाद छह स्लेब भी डाल दिए गए हैं जबकि तीन स्लेब डालने के लिए काम जोरों पर चल रहा है.
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क्या फायदा होगा पुल से
पानीपत और बागपत के बीच 942 मीटर लंबाई वाला पुल 14 मीटर चौड़ा होगा. पुल पर आने-जाने के लिए 11 मीटर चौड़ा रास्ता होगा. इसके अलावा 1.50 मीटर चौड़ा फुटपाथ होगा. पुल हरियाणा के हिस्से में पानीपत में नेशनल हाईवे नंबर एक और यूपी के बागपत में दिल्ली-सहारनपुर हाईवे 709 बी को जोड़ेगा. हरियाणा के खोजकीपुर कलां, खोजकीपुर खुर्द, आट्टा, बिलासपुर, हथवाला गांव और उत्तर प्रदेश के टांडा, नांगल, कुरड़ी और छपरौली को सीधा जोड़ेगा.
कोरोना काल में पिछड़ा था निर्माण
कारोना काल के कारण पुल का निर्माण पिछड़ गया था, लेकिन निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए बागपत के सांसद डाक्टर सत्यपाल सिंह हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से चंडीगढ़ में मिले और पुल के निर्माण में तेजी लाने का अनुरोध किया ताकि यूपी और हरियाणा के लोगों का रास्ता सुगम हो सके.
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