Baghpat News: बागपत (Baghpat) के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय परिसर के ऊपर से हाइटेंशन लाइन गुजर रही है, जहां पढ़ने वाली 96 छात्राओं के ऊपर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. हाईटेंशन लाइन का तार कब विद्यालय में टूटकर गिर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है. कई बार विद्युत लाइन हटाने की शिकायत अफसरों तक भी पहुंची, लेकिन शिकायती पत्र फाइलों के ढेर में दबकर रह गए. अब सवाल यह है कि क्या सिस्टम हादसे के इंतजार में बैठा हुआ है. हालांकि इस मामले में सांसद ने कहा कि बिजली के लिए अभी ढाई सौ करोड़ रुपये मिले है यदि योजना में लाइन बदलवाने का प्रोसीजर होगा तो समाधान कराया जाएगा.
दरअसल, बागपत जिले के बड़ौत (Baraut) शहर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का शिलान्यास साल 2009 में बसपा सरकार में राज्य सभा सदस्य मुनकाद अली ने किया था. विद्यालय की स्थापना से पहले ही विद्यालय के ऊपर हाइटेंशन लाइन खींची हुई थी, लेकिन तब इस खतरे पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और मानकों की अनदेखी करते हुए हाईटेंशन लाइन के नीचे ही विद्यालय का भवन खड़ा कर दिया गया.
निरीक्षण के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
महिला आयोग की सदस्य रही मीना कुमार भी दो बार विद्यालय में आ चुकी है और अधिकारी भी आए दिन विद्यालय में निरीक्षण के लिए आते ही रहते हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी लाइन को शिफ्ट कराने की प्रयास नहीं कर रहा है. विद्यालय में वर्तमान में 96 बालिकाएं पंजीकृत है, जो विद्यालय में रहकर ही पठन-पाठन करती है. इस मामले को लेकर सांसद डाक्टर सत्यपाल सिंह ने कहा कि बिजली के लिए अभी ढाई सौ करोड़ रुपये मिले है यदि योजना में लाइन बदलवाने का प्रोसीजर होगा तो समाधान कराया जाएगा.
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