(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बागपत पूर्व प्रधान हत्याकांड का दो महीने बाद पुलिस ने किया खुलासा, इस कारण रची गई थी खूनी साजिश
बागपत पूर्व प्रधान हत्याकांड का दो महीने बाद पुलिस ने खुलासा कर लिया है। पुरानी रंजिशे के चलते इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था।
बागपत, एबीपी गंगा। बागपत हत्याकांड का पुलिस ने आखिरकार दो महीने बाद खुलासा कर लिया है। दो महीने पहले बिनौली थाना क्षेत्र के धनौरा सिल्वरनगर गांव में पूर्व प्रधान ऋषि प्रताप राणा की हत्या कर दी गई थी। इसी हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का दावा है कि पुरानी रंजिश के चलते ही पूर्व प्रधान ऋषि प्रताप राणा की हत्या की साजिश रची गई।
हत्या में इस्तेमाल हथियार और बाइक बरामद
पुलिस के मुताबिक, बागपत जेल में इस हत्याकांड की साजिश रची गई, जिसके बाद वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार और बाइक बरामद कर ली है।
20 अगस्त, 2019 को हुई थी पूर्व प्रधान ऋषि प्रताप की हत्या
बता दें कि 20 अगस्त, 2019 को धनौरा सिल्वर नगर गांव के पूर्व प्रधान ऋषि प्रताप को मार डाला गया था। पूर्व प्रधान की उस वक्त गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी, जब वह बाजार में एक दुकान में बैठे हुए थे। उनका कत्ल कर हत्यारों पूर्व प्रधान की लाइसेंसी रिवॉल्वर भी लूट ले गए थे। रविवार को इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि प्रताप की हत्या की योजना जेल में बनाई गई थी और हत्या की वजह पुरानी रंजिश व ग्राम प्रधानी का चुनाव था।
सोहन वीर ने कराई थी पूर्व प्रधान की हत्या
जब मामले की तह तक जाया गया, तो पता चला कि 2016 में धनौरा सिल्वरनगर में देवी सिंह की हत्या कर दी गयी थी। इस हत्याकांड के आरोप में गांव का ही सोहन वीर जेल गया था। इसी देवी सिंह मर्डर केस की पैरवी ऋषि प्रताप कर रहे थे और वो इस केस के गवाह भी थे। यही वजह है कि सोहनवीर और ऋषि प्रताप के बीच रंजिश हो गई। बताया जा रहा है कि सोहन वीर ने ही जेल में बदमाशों को ऋषि प्रताप की हत्या की सुपारी दी थी। तीन बदमाशों ने योजना के तहत पूर्व प्रधान की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि पूर्व प्रधान की हत्या सोहन वीर ने ही कराई है, क्योंकि वो गांव में प्रधान का चुनाव भी लड़ना चाहता था। इसलिए वो ऋषि प्रताप को अपने रास्ते से हटाना चाहता था।
इस मामले में पुलिस ने आरोपी आशीष उर्फ मोजी पुत्र यशपाल निवासी धनौरा सिल्वरनगर थाना बिनौली जनपद बागपत, सुमित उर्फ भोला पुत्र रामबीर निवासी अगरोला थाना ट्रौनिका सिटी जनपद गाजियाबाद, मोनू पुत्र कैलाश निवासी ग्राम एलम थाना कांधला जनपद शामली को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मोनू कश्यप पुत्र सतपाल निवासी लूम्ब थाना छपरौली जनपद बागपत फरार चल रहा है।
गौरतलब है कि बागपत जिले के धनौरा सिल्वरनगर गांव का सोहन वीर, उसका भाई और पिता बागपत जेल में बंद है। पुरानी रंजिश के चलते गांव में कई हत्याएं हुई हैं। इन्हीं में से एक हत्या के मामले में पूर्व प्रधान ऋषि प्रताप राणा गवाह थे। ये वो केस है, जिसमें सोहन वीर और उसके परिवार के लोग फंसे थे।
दिखाने के लिए मृतक के परिजनों के साथ ऋषि प्रताप ने समझौता तो कर लिया था, लेकिन सोहन वीर उसे अपने रास्ते से हटाने का प्लान बना रहा था। इसका एक कारण प्रधानी का चुनाव था। आने वाले समय में सोहन वीर गांव के प्रधानी का चुनाव लड़ना चाह रहा था। अपनी पुरानी रंजिश और चुनाव लड़ने की महात्वाकांक्षा के चलते उसने पूर्व प्रधान का मर्डर करने का प्लान बनाया। उसने हत्यारों को पिस्टल भी मुहैया कराई और पैसे भी दिया।
इस साजिश को अंजाम देने के लिए टीम बनाई गई, जिसमें चार लोग शामिल थे। उन्हीं के गांव का मौजी, सुमित और मोनू (जिसमें एक जाट और कश्यप है) इस हत्याकांड में शामिल थे। घटना से पहले घटनास्थल की रेकी की गई और फिर बीच बाजार के अंदर दिनदहाड़े पूर्व प्रधान ऋषि प्रताप हत्या कर दी। ऋषि प्रताप राणा का लाइसेंसी पिस्टल लूट लिया गया। पुलिस ने इन सब का खुलासा कर आरोपियों से हत्या में प्रयुक्त हथियार और बाइक आदि बरामद कर ली है।
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