Baghpat News: 12 साल बाद बागपत चौहरे हत्याकांड पर आया फैसला, 9 आरोपियों को मिली उम्रकैद की सजा
UP News: बागपत के असारा गांव में प्रेम-प्रसंग के चलते हुए चौहरे हत्याकांड एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर दी गई थी. ये घटना 2012 में की गई थी. घटना के बाद पूरा परिवार गांव छोड़कर चला गया था.
Baghpat News: बागपत के असारा गांव में एक ही परिवार के बीच प्रेम-प्रसंग को लेकर हुए चर्चित चौहरे हत्याकांड में 12 बाद बाद अदालत का फैसला आ गया है. अदालत ने सभी नौ आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है और 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. सभी अभियुक्तों को अदालत से पुलिस सुरक्षा के बीच जिला कारागार भेज दिया है. मरने वालों में चारों एक ही परिवार के सदस्य थे, जिनमें एक आठ माह की गर्भवती महिला भी शामिल थी. उधर, चौहरे हत्याकांड के बाद पीड़ित लोग इतनी दहशत में आ गए थे कि वे गांव से पलायन कर चले गए थे.
असारा गांव के रहने वाले मोहम्मद नसीम ने 12 अगस्त 2012 को रमाला थाने में मुकदमा दर्ज कराया था कि 11 अगस्त की रात उसके परिवार के सदस्य अपने घर में सोए हुए हुए थे. रात के समय मोहल्ले के रहने वाले अब्बास, इलियास, शौकीन और शकील के अलावा चार-पांच अज्ञात लोग तमंचे और धारदार हथियार लेकर दबे पांव उनके घर में घुस गए और उसकी आठ महीने की गर्भवती भाभी साजिदा, उसके भाई इकलाख उर्फ काला, बहन गुलशाना और मां शबीला पर धारदार हथियार से हमला करते हुए गोली मारकर घायल कर दिया था. उसके बाद उनके पिता को गोली मार दी थी.
9 लोगों के खिलाफ मुकदमा हुआ था दर्ज
उसके पिता अबलू हसन और बहन गुलशाना ने घटनास्थल पर दम तोड़ दिया था जबकि उपचार के दौरान उसकी भाभी साजिदा और माता शबीला की मौत हो गई थी. खून की होली के बाद गांव में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया था. पुलिस ने आरोपी शकील, अब्बास, इलियास, जाफर, शौकीन के अलावा विवेचना के दौरान प्रकाश में आए आरोपी मोहर्रम व सलीम निवासी हरसौली गांव मुजफ्फरनगर जनपद व रणधीरा उर्फ रमजान व उसके बेटे दीपक उर्फ नसीब निवासी समालखा, जनपद पानीपत, हरियाणा के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था.
प्रेम-प्रसंग बना था चौहरे हत्याकांड का कारण
असारा गांव के रहने वाले शकील ने 12 अगस्त की रात इकलाख के घर खून की होली खेली गई थी चूंकि इकलाख को रिश्ते के चचेरे भाई शकील की पत्नी साजिदा से प्यार हो गया था, जिसके बाद उसने साजिदा से कोर्ट मैरिज और निकाह कर लिया था. यह बात शकील को नागवार गुजरी और उसने अपने परिजन व रिश्तेदारों के साथ मिलकर इकलाख के घर खून की होली खेल दी, जो भी सामने आया, उसे भी धारदार हथियार और गोली मार दी. दहशत के कारण पीड़ित लोग गांव छोड़कर बाहर चले गए थे.
12 साल पहले महिलाओं पर लगाए थे प्रतिबंध
चौहरे हत्याकांड से कुछ ही पहले असारा गांव में खाप पंचायत हुई थी, जिसमें पंचों ने महिलाओं के मोबाइल रखने, बाजार में घूमने, महिलाओं के बे-पर्दा घर से बाहर निकलने, युवक-युवतियों के प्यार करने, प्रेमी-युगल के गांव में रहने पर पाबंदी लगाई थी. यह मामला देश भर में मीडिया की सुर्खियां बना था. फरमान का मामला गांव में गर्म चल रहा था. उसी दौरान इकलाख ने प्रेम-प्रसंग के चलते शकील की पत्नी से कोर्ट मैरिज कर लिया था. पंचायत का विरोध करने पर ग्रामीणों ने पुलिस की बाइक भी फूंक दी थी.
अदालत में 17 गवाह हुए पेश
असारा गांव का चर्चित चौहरे हत्याकांड में 12 अगस्त 2012 को रमाला थाना में मुकदमा दर्ज हुआ था कि शकील, अब्बास, इलियास और शौकीन और पांच-छह अज्ञात लोगों ने काला अब्बास के घर में घुसकर चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया. शकील की पत्नी साजिदा ने इकलाख से कोर्ट मैरिज कर ली था. इसी रंजिश में आरोपियों ने चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. अदालत ने नौ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसमें अदालत में 17 गवाह पेश हुए हैं.
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