Uttar Pradesh News: सरकारी तंत्र कितना उदासीन है इसका एक उदाहरण यूपी के बागपत (Baghpat) में सामने आया हैं, जहां कन्या विवाह सहायता योजना (Kanya Vivah Sahayata Yojana) के अंतर्गत डेढ़ साल पहले श्रमिकों की बेटियों की शादी के लिए 55-55 हजार रुपयों के डमी चेक दिलवाए गए थे. उस दौरान सरकार ने अपनी खूब वाहवाही लूटी.
डमी चेक मिलने के बाद श्रमिकों ने इधर-उधर से रुपये उधार लेकर अपनी बेटियों के हाथ तो पीले कर दिए, लेकिन सरकारी मदद अभी तक भी नहीं मिली है. ऐसे पीड़ित लोगों को श्रम विभाग कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है. हालांकि सहायक श्रमायुक्त का दावा है कि सात लाभार्थियों को भुगतान हो गया है अन्य के खाते अपडेट नहीं थे, वह पत्राचार आदि कर उनके रुपए दिलाने का प्रयास कर रही हैं.
बात पिछले मार्च माह 2021 की है जब अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कलेक्ट्रेट पर श्रम विभाग की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित हुआ था, जिसमें निर्माण श्रमिकों की बेटियों की शादी करने लिए लाभार्थियों को 55-55 हजार रुपयों के डमी चेक दिए गए थे. सरकारी मशीनरी ने दावा किया था कि जल्द ही भुगतान उनके बैंक खातों में पहुंच जाएगा. श्रमिकों ने अपनी बेटियों की शादी तो कर ली, लेकिन सरकारी मदद डेढ़ साल बाद भी नहीं मिल सकी है. कन्या विवाह सहायता योजना के अंतर्गत 18 श्रमिकों ने बेटियों की शादी में मदद लेने के लिए आवेदन किया था, जिनमें से सात को योजना का लाभ मिल चुका है, लेकिन 11 पीड़ित लोग बैंक खाते में रुपयों के आने का इंतजार कर रहे हैं.
क्या कहना है लाभार्थी का
इन्हीं में से एक श्रमिक हैं मदनलाल, जो बागपत के अग्रवाल मंडी टटीरी कस्बे में रहते हैं और पेशे से मजूदर हैं. इन्होंने पिछले साल अपनी बेटी अंशु की शादी के लिए आवेदन किया था, 55 हजार रुपये का डमी चेक तो मिल गया, लेकिन अभी रुपये घर में नहीं आए हैं. हालांकि इन्होंने अपनी बेटी की शादी इधर-उधर से कर्ज लेकर कर दी है.
मदनलाल की बेटी अंशु ने बताया, मेरी शादी को एक डेढ़ साल हो गया है. गरीब लड़की की शादी के लिए 55 हजार रुपए मिलता है उसके लिए मैंने फॉर्म भरा था. वह अब तक मेरे पास नहीं आए. मेरे पापा मजदूर हैं और बुजुर्ग भी हो चुके हैं उन्होंने कर्ज लेकर मेरी शादी की थी. हमारा पैसा नहीं मिल पाया है. सरकार से यह अनुरोध है कि हमारा पैसा जल्द से जल्द घर आ जाए, हम बहुत ही गरीब हैं.
अंशु के भाई ने बताया मेरी बहन की शादी हुए डेढ़ साल हो गया. पिछले साल सरकार से हमें डमी चेक मिला था जिसका भुगतान आज तक नहीं हो पाया है. सरकार से हमारा अनुरोध है कि हमारा पैसा दिलवाने की कृपा करें. हमने शादी में कुछ पैसे भी उधार लिए थे जो कर्ज आज तक नहीं चुका पाए हैं. हमारी सरकार से गुजारिश है कि हमारा पैसा दिलाया जाए.
सहायक श्रमायुक्त ने क्या कहा
सहायक श्रमायुक्त बागपत विनीता सिंह ने कहा कि यह मेरे कार्यकाल से पहले मार्च महीने का मामला है. कार्यालय सहायक श्रम आयुक्त मेरे आने के बाद बनाया गया है. इससे पहले जो योजनाओं में पैसा आता था, वह बाहर यानी मेरठ से हस्तांतरण हो जाता था. इसमें वहां से ही कार्रवाई हो रही थी. कुछ लोगों का पेमेंट हो गया था और कुछ लोगों का रह गया जो किसी कारणवश रुक गया था. बैंकों के मर्ज होने के कारण और दूसरा खाता अपडेट नहीं होने के कारण एक खाते में रुपए भेजने के लिए उसकी केवाईसी करानी पड़ती है, ताकि अपडेट हो जाए. इसके बाद मेरे द्वारा अपडेट मांगी गई थी और खाते को अपडेट कराने के लिए भी कहा गया था.
सहायक श्रमायुक्त ने आगे कहा कि, मेरे द्वारा कई बार इसे लेकर मेरठ में पत्राचार किया गया. 30 सितंबर 2022 को फिर से बोर्ड कार्यालय को भुगतान के लिए सूची भेज दी है. इसमें पुत्री विवाह अनुदान सहायता योजना के तहत निर्माण श्रमिक को 55 हजार रुपए दिया जाता है. 17-18 लाभार्थी थे और उन्हें उस समय डमी चेक दिया गया था. अभी 11 लोग भुगतान के लिए बचे हैं, अन्य को भुगतान कर दिया गया है. अब भुगतान के लिए सभी की लिस्ट बोर्ड कार्यालय को भेज दी गई है.