Baghpat: ग्रामीणों ने किया विधानसभा चुनाव का बहिष्कार, शहीद अनुज पुंडीर के परिवार ने कही बड़ी बात
Baghpat News: शहीद अनुज पुंडीर के गांव के लोगों ने सरकार पर आरोप लगाया कि उनके गांव का लाल देश के लिए शहीद हो गया लेकिन सरकार का कोई भी नुमाइंदा, अधिकारी, नेता उनके दरवाजे तक नहीं आया.
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Baghpat Villagers Boycott Assembly Elections: लद्दाख (Ladakh) के द्रास सेक्टर (Dras Sector) में ड्यूटी के दौरान बर्फ में दबने से शहीद हुए अनुज पुंडीर (Anuj Pundir) के गांव वालों ने गांव में पंचायत कर जिले के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और सरकार पर शहीद के अपमान का आरोप लगाते हुए 2022 के विधानसभा चुनाव (Assembly Election) का बहिष्कार करने का फैसला लिया है. शहीद अनुज पुंडीर बागपत (Baghpat) जिले के खपराना गांव के रहने वाले थे और वो लद्दाख के द्रास सेक्टर में ड्यूटी पर तैनात थे. यहां 8 जनवरी को बर्फ में दबने से अनुज शहीद हो गए थे.
चंडीगढ़ के आर्मी हॉस्पिटल में चला इलाज
बागपत जिले के बिनौली क्षेत्र के खपराना गांव निवासी 26 वर्षीय अनुज कुमार पुंडीर पुत्र अशोक वर्ष 2015 में सेना में भर्ती हुए थे. अनुज लद्दाख के द्रास सेक्टर में सेना की 11 ग्रेनेडियर्स यूनिट में सिपाही के पद पर तैनात थे. 8 जनवरी को ड्यूटी करते समय बर्फ में कई सैनिक दब गए थे, जिसमे अनुज को गंभीर हालत में चंडीगढ़ के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. यहां कई दिनों तक अनुज भर्ती रहे और 22 जनवरी को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. 23 जनवरी को अनुज का पार्थिव शरीर गांव लाया गया और सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.
ग्रामीणों ने लगाया आरोप
गांव वालों ने अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और सरकार पर आरोप लगाया कि उनके गांव का लाल देश के लिए शहीद हो गया लेकिन सरकार का कोई भी नुमाइंदा, कोई नेता उनके दरवाजे तक नहीं आया. वो अपने गांव के लाल का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे. बुधवार को गांव वालों ने गांव में पंचायत कर जिले के आलाधिकारियों, नेताओं ओर सरकार पर शहीद के अपमान का आरोप लगाते हुए 2022 के विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि नेता चुनाव के दौरान वोट लेने आ जाते हैं लेकिन उसके बाद किसी के भी सुख दुख में नहीं आते हैं.
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