बागपत के इस गांव को कोरोना की दूसरी लहर भी नहीं छू सकी, संक्रमण से इस तरह किया बचाव
बागपत के इस गांव की चर्चा चारों ओर हो रही है. कोरोना संक्रमण के पहले दौर में भी इस गांव के लोग इससे बचे रहे थे. वहीं दूसरी लहर भी इनका कुछ नहीं बिगाड़ सकी है.
बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत का मुस्लिम बाहुल्य गांव है सौंटी, जो कोरोना महामारी के बीच बड़ी नजीर बन रहा है. पहली लहर हो या अभी चल रही दूसरी लहर, 14 लाख की आबादी वाले जनपद में अभी तक 750 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और 50 से ज्यादा लोगों की मौत को चुकी है, लेकिन 34 सौ की आबादी वाले इस गांव के लोगों को कोरोना का संक्रमण अभी तक छू भी नहीं सका है. गांव के लोगों ने सामाजिक स्तर पर लिए कई कड़े फैसलों और प्रतिबंधों को कोरोना से जंग में अपना हथियार बनाया है. यही कारण है कि इस गांव के लोगों से कोरोना हार रहा है. गांव के लोग कोरोना वायरस को लेकर बेहद ही सर्तक नजर आते हैं.
संक्रमण का एक भी मामला नहीं
13 माह बाद भी सौंटी गांव में कोरोना संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आ सका है. ऐसे में यहां के लोगों की संयम, धैर्य, हिम्मत, हौसले और कड़े फैसलों की दाद देनी होगी. चूंकि, जहां कोरोना वायरस को लेकर दुनिया भर में हाहाकार मचा है, ऐसे में इस गांव में लोग चैन की नींद सो रहे हैं. हालांकि लोगों पर यहां कई कड़े प्रतिबंध अवश्य लगाये गए हैं, लेकिन ये बंदिश इस महामारी के सामने बेहद ही छोटी नजर आ रही है. गांव के लोगों का दो टूक कहना है कि यदि कोरोना महामारी से बचने के लिए सामाजिक स्तर पर और भी कड़े फैसले लेने पड़े तो पीछे नहीं हटेंगे. इस गांव के लोग बाहर के खाने से परहेज करते हैं. सौंटी गांव की क्षेत्र में सहारना हो रही है. गांव में लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील को ध्यान में रखते हुए कोरोना बचाव से वैक्सीन भी लगवा रहे हैं. गांव में खास बात यह है कि, यहां 700 बीघा आम का बाग है जो लोगो को भरपूर ऑक्सीजन देता है.
गांववाले करते हैं नियमों का पालन
यह बता दें कि, पिछले साल जब कोरोना महामारी ने देश मे एंट्री की तो उसी समय गांव के जिम्मेदार लोगों ने सामाजिक स्तर पर कुछ अहम फैसले और प्रतिबंध लगाए, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके. गांव में गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्ग लोगों के घर से बाहर नहीं निकलने पर मनाही है. गांव में न तो रिश्तेदार आते हैं और न ही गांव के लोग रिश्तेदारी में जाते हैं. युवा घर से बाहर निकलते है तो मास्क या गमछा लगाकर ही निकलते हैं. कोरोना वायरस के रहते गांव में शादी विवाह या अन्य भीड़ वाले समारोह भी नहीं होते है. दूसरे गांव के लोगों से सीधा संपर्क नहीं रखा जाता है. हर व्यक्ति दिन में कई बार साबुन से हाथ धोता है.
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