Bahraich Wolf Terror: उत्तर प्रदेश के बहराइच में मासूमों को निवाला बनाकर इलाके में आतंक मचाने वाला आदमखोर भेड़िया वन विभाग की पकड़ से कोसों दूर है. एक तरफ विभागीय अधिकारी इस नरभक्षी को पकड़ने के लिए सभी तरीके अपना रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ चालक भेड़िया हर रात हमला कर दहशत फैला रहा है. वहीं गांव वाले दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं.


भेड़िये के हमले को लेकर इस इलाके में तरह तरह की बातें स्थानीय ग्रामीणों की तरफ से कही जाने लगी है. कुछ ग्रामीणों का कहना है कि जिस घर में दरवाजे नहीं थे उन्हीं घरों में भेड़िये ने हमला किया है, तो कुछ ग्रामीणों का कहना है कि ये भेड़िया का बदला भी हो सकता है, लेकिन हकीकत क्या है ये जानने के लिए हम कुलाइला गांव के उस परिवार से बातचीत की जहां सबसे पहले भेड़िये का हमला हुआ था.


भेड़िये के आतंक से बचने के लिए लगवाए जा रहे दरवाजे 


जब हकीकत पता कि गई तो जानकारी मिली कि महसी तहसील के तकरीब 5 दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं, जिन गांवों में बने अधिकांश घरों में लोगों ने दरवाजा नहीं लगाया था, लेकिन जब भेड़िया का हमला सुरु हुआ तो वन विभाग और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद से ग्रामीणों के घरों में दरवाजे लगवाए गए हैं.


दहशत की साए में जीने को मजबूर लोग


ग्रामीणों ने खुद बताया कि पहले कभी ऐसा नहीं हुआ, इसलिए चौखट पर दरवाजा नहीं लगाया जाता था. हालांकि अब भेड़िये के दहशत से लोग दरवाजा लगाना सुरु कर दिए हैं. वहीं गांव में दहशत का माहौल है. लोग दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं. क्योंकि जब तक भेड़िया पकड़ नहीं जाता तब तक लोगों का जीना दुश्वार हो गया है. दिन-रात अपने बच्चों की हिफाजत में लगे हुए हैं.


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