(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
घर में रात को सो रहे मासूम को उठा ले गया तेंदुआ, वन विभाग को लेकर गांव वालों में आक्रोश
UP News: उत्तर प्रदेश के बहराइच में तेंदुए का आतंक देखने को मिला है. घर में सो रहे पांच साल के मासूम को तेंदुआ उठा ले गया. अस्पताल में बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई.
Bahraich News: उत्तर प्रदेश के बहराइच में कतर्नियाघाट सेंचुरी इलाके में रहने वाले लोग अपने मकान पर सुरक्षित नहीं है. देर रात तेंदुआ छप्पर के सहारे छत पर चढ़ कर मच्छर दानी में सो रहे मासूम को उठा ले गया. गांव वालों ने किसी तरह तेंदुए के चंगुल से मासूम को छुड़ा लिया लेकिन वह बुरी तरह घायल हो गया. परिजन बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे. जहां मासूम की मौत गई. इस घटना से गांव कोहराम मच गया. बच्चे के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है.
पूरी घटना कतर्निया घाट के धर्मापुर रेंज के अंतर्गत टपरा गांव की है. जहां देर रात तेंदुए ने घर में सो रहे पांच साल के बच्चे पर हमला कर दिया. तेंदुए के हमले में 5 वर्षीय बालक वाहिद पुत्र शाहिद के गर्दन में गहरा ज़ख्म हो गया. बच्चे के परिजन उसे लेकर डॉक्टरों के पास पहुंचे लेकिन जख्म गहरे होने के कारण डॉक्टर उसे नहीं बचा सकें. इस घटना से गांव वालों में आक्रोश है. गांव वालों ने इस घटना के लिए वन विभाग को जिम्मेदार ठहराया है. आपको बता दें 2 माह पूर्व भी इसी गांव से एक बच्ची को तेंदुआ उठा ले गया था जिसमें भी बच्ची को बचाया नहीं जा सका था.
धर्मापुर रेंज अधिकारी रत्नेश श्रीवास्तव ने बताया कि रात में सूचना मिलते ही हमने फारेस्ट गार्ड को मौके पर भेज दिया था. बच्चे को तुरंत निजी वाहन से अस्पताल ले जाया गया लेकिन बच्चे को नही बचाया जा सका. एसडीएम सहित हमारी पूरी टीम मौके पर पहुंच गई. बच्चे के परिजनों को ओर 10 हज़ार की आर्थिक सहायता दी गई है. अब शासन की ओर से मिलने वाली 5 लाख की सहायता की भी कार्यवाही की जा रही है. साथ ही तेंदुआ को पकड़ने के लिए गांव के समीप पिंजरा लगाया है. जल्द ही तेंदुए को पकड़ लिया जाएगा.
वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
कतर्नियाघाट सेंचुरी इलाके में हर वर्ष एक दर्जन मौतें हिंसक जानवरों के हमलों से हो जाती हैं, उसको रोकने के लिए जंगल के बाहरी हिस्से में फेंसिंग के लिए भी 43 करोड़ का बजट आया था लेकिन उससे जो फेंसिंग हुई है वह मानक के विपरीत की गई है. जो तेंदुए और टाइगर की तो बात छोड़िए बंदर भी आसानी से निकल जाए. इसीलिए इस कार्य की जांच भी शुरू हो गई है. जंगल मे तेंदुआ मर जाए, टाइगर मर जाए या इनके हमले से कोई इंसान मर जाए लेकिन प्रभागीय वनाधिकारी बी शिव कुमार मीडिया का फोन नहीं उठाते हैं.
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