बहराइच: बाल मजदूरी कर रहे 45 से अधिक बच्चों को कराया गया मुक्त, 6 से 18 साल है उम्र, केस दर्ज
उत्तर प्रदेश के बहराइच में 48 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है. मुक्त कराए गए बाल श्रमिक 6 से 18 वर्ष की आयु के हैं. पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार मिश्र ने कहा कि बाल श्रम कराकर बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे.
बहराइच: बहराइच जिले में पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर बाल श्रम कर रहे 48 बच्चों को मुक्त कराया है. इन बच्चों से श्रम करा रहे लोगों के खिलाफ मामले दर्ज कराए गए हैं. चाइल्ड लाइन- 1098 की संयोजक देवयानी ने शनिवार को बताया कि, ''जिले के होटलों, प्रतिष्ठानों और अन्य स्थानों में आए दिन बाल मजदूरी कराए जाने के मामले सामने आ रहे थे. लॉकडाउन और कोविड-19 महामारी के दौरान भी नेपाल से बच्चों की तस्करी की खबरें आ रही थीं. इस पर पुलिस अधीक्षक बहराइच की निगरानी में चाइल्ड लाइन-1098, प्रशासन, श्रम विभाग, जिला प्रोबेशन विभाग और जिला बाल संरक्षण ईकाई के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार से बाल श्रम उन्मूलन अभियान शुरू किया गया.''
6 से 18 वर्ष की आयु के हैं बच्चे चाइल्ड लाइन- 1098 की संयोजक देवयानी ने बताया कि अभियान के पहले ही दिन 48 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है. मुक्त कराए गए बाल श्रमिक 6 से 18 वर्ष की आयु के हैं. मुक्त कराए गए बच्चों की कोरोना संक्रमण जांच और अन्य चिकित्सकीय जांच करवाकर बाल कल्याण समिति के जरिए परिजन को सौंपा जा रहा है.
जारी रहेगा अभियान अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि "पहले दिन जरवल रोड, कैसरगंज, कोतवाली देहात, कोतवाली नगर और दरगाह थाना क्षेत्रों में अभियान चलाया गया है. आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों के साथ साथ अन्य थाना क्षेत्रों में भी अभियान चलाया जाएगा"
बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार मिश्र ने बताया कि "बाल श्रम कराकर बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे. जिन नियोजकों के यहां से बाल श्रमिक मुक्त कराए गए हैं उनके विरूद्ध बाल श्रम अधिनियम-2016, बंधुआ मजदूरी अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम आदि कानूनों के अंतर्गत मुकदमें दर्ज कराए गए हैं. कितने मुकदमे दर्ज हुए हैं उनकी धाराएं और आरोपियों की संख्या की जानकारी थानों से मंगवाई जा रही है.''
अभियान चलाने के के लिए गया पत्र गौरतलब है कि, प्रदेश की अपर पुलिस महानिदेशक नीरा रावत ने प्रदेश के सभी पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर 1 से 30 सितंबर तक "नो चाईल्ड लेबर" अभियान चलाकर बाल श्रम करा रहे नियोजकों के खिलाफ बंधुआ मजदूर अधिनियम, अनैतिक देह व्यापार अधिनियम तथा भारतीय दंड संहिता की गंभीर अपराधिक धाराओं में मामले दर्ज कर कार्रवाई करने को कहा था.
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