UP Vriddha Pension Scheme: यूपी के बहराइच (Bahraich) में वृद्धा पेंशन लाभार्थियों (Vriddha Pension Beneficiaries) के उम्र के सत्यापन (Age Varification) की रफ्तार सुस्त हो गई है. इस जिले में करीब 97 हजार बुजुर्ग वृद्धावस्था पेंशन ले रहे हैं. जिनके सही लाभार्थियों की पहचान के लिए उम्र का वेरिफिकेशन किया जा रहा है जिसके तहत लाभार्थियों को आधार से लिंक किया जा रहा है. सरकार ने निर्देश दिया है कि सभी लाभार्थी जनसेवा लोकवाणी केन्द्र जाकर अपने पेंशन का आधार से सत्यापन कराए नही तो उनकी पेंशन की किश्त रोक दी जाएगी. लेकिन बहराइच में महज 38 फीसद लोगों ने ही अब तक अपना वेरिफिकेशन कराया है. ऐसे में वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थियों की संख्या फर्जी होने की संभावना बढ़ गई है.
जानिए क्या कहते हैं समाज कल्याण अधिकारी
इस बारे में जानकारी देते हुए समाज कल्याण अधिकारी नालिन राज (Social Welfare Officer Nalin Raj) ने बताया कि जिले में सत्यापन का काम चल रहा है. ग्राम स्तर पर ग्राम सचिव और ग्राम प्रधान और बीडीओ (BDO) साथ दे रहे हैं लेकिन बड़ा सवाल ये है कि सरकारी विभाग के तमाम मातहत लगे होने के बाद भी सत्यापन का प्रतिशत आगे क्यों नही बढ़ रहा है. लेकिन नलिन राज का कहना है कि जानकारी नहीं होने की वजह से सत्यापन के काम में सुस्ती देखने को मिल रही है.
अपात्रों के खिलाफ एक्शन मोड में सरकार
योगी सरकार 2.0 बनने के बाद सरकार एक्शन मूड में है. सरकार के निशाने पर वो लोग है जो अपात्र होते हुए भी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं. इसलिए सरकार की ओर से हिदायत दी गई है कि ऐसे लोग खुद ही सरकारी योजनाओं को सरकार के आगे सरेंडर कर दें नहीं तो उनके खिलाफ लाभ सहित वसूली की जाएगी. यही वजह है कि राशन कार्ड से लेकर किसान सम्मान निधि जैसे सरकारी लाभ ले रहे अपात्र लाभार्थी खुद ही विभागों में जा कर सरेंडर कर रहे हैं.
बहराइच में सत्यापन के काम की सुस्त रफ्तार
यूपी सरकार ने पिछले दिनों वृद्धा पेंशन की राशि 500 रुपयों से बढ़ाकर 1000 रुपये की है. जिसके बाद पेंशन बनवाने वाले फर्मो की भरमार आ गई थी लेकिन अब सरकार जीरो टॉलरेंस नीति के तहत फर्जी लाभार्थियों के सत्यापन की मुहिम चला रही है. लेकिन इस मुहिम का असर बहराइच काफी कम दिखाई दे रहा है. गाँव के कर्मचारी और अधिकारी लगे होने के बाद भी मात्र 38 प्रतिशत लोगों ने ही अपनी वृद्धावस्था पेंशन के लिए उम्र का सत्यापन कराया है ऐसे में संदेह पैदा हो रहा है कि कहीं विभाग में वृद्धापेंशन लेने वाले फर्जी लाभार्थी तो नही है.
ये भी पढ़ें-
UP: बस्ती में अखिलेश यादव ने साधा बीजेपी पर निशाना, ज्ञानवापी को लेकर कही यह बड़ी बात