Bahraich News: ARTO ऑफिस में दलालों के रैकेट का बड़ा खुलासा, सामने आया फर्जी चालान बनाकर वाहन छुड़वाने का मामला
दलाल ने गाड़ी रिलीज कराने के नाम पर 54 हजार रुपये खाते में जमा करवा लिए. उसने फर्जी रिलीज ऑर्डर बनाकर वाहन को थाने से छुड़वा दिया.
यूपी (Uttar Pradesh) के बहराइच (Bahraich) के एआरटीओ कार्यालय में फर्जी चालान बनाकर पुलिस द्वारा सीज की गई गाड़ियों को रिलीज कराने वाले बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि दस्तावेज न दिखाने पर आरटीओ आफिस (ARTO office) के एक अधिकारी द्वारा एक डीसीएम वाहन UP 43 T 9008 नम्बर की गाड़ी को दरगाह थाने में सीज कर दिया गया था. गाड़ी सीज होने के बाद गाड़ी मालिक ने जब आरटीओ ऑफिस में संपर्क किया तो जीशान नाम का एक दलाल मिला जिसने बताया कि कम पैसे में गाड़ी रिलीज करवा देगा.
कैसे पता चला
दलाल ने गाड़ी को रिलीज कराने के नाम पर 54 हजार रुपये भी अपने खाते में जमा करवा लिए. पैसा जमा होने के बाद दलाल ने फर्जी रिलीज ऑर्डर बनाकर वाहन को थाने से छुड़वा दिया लेकिन इसकी जानकारी ARTO आफिस में किसी उच्च अधिकारी को नहीं थी. इसी बीच फिर एक बार कल इस गाड़ी को आरटीओ अधिकारी ने पकड़ा तो पता चला कि यही वाहन पहले भी पकड़ा जा चुका है लिहाजा इसकी छानबीन शुरू की गई.
मुकदमा दर्ज
गहनता से की गई छानबीन में पता चला कि एआरटीओ ऑफिस के भीतर से किसी दलाल ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके उस वाहन को रिलीज कराया है. इस जानकारी के बाद जब वाहन के मालिक से आरटीओ दफ्तर के उच्च अधिकारियों ने बातचीत की तो मामले का खुलासा हुआ, जिसके बाद दलाल जीशान के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है. जांच की जा रही है कि यह दलाल और किन-किन गतिविधियों में शामिल रहा है.
आरटीओ ने क्या बताया
आरटीओ राजीव कुमार ने बताया कि, एक ट्रक को 16 जून को बंद किया गया था. हमारा ये पूरा सिस्टम ऑनलाइन है. जब हमने गाड़ी बंद की तो वो पूर्व में भी बंद दिख रही थी. जब पता लगाया गया तो उसका कोई रिकॉर्ड यहां से जारी नहीं हुआ था. हमने थाने में चेक करवाया तो थाने से रिलीज थी. इसके बाद हमने वाहन के मालिक को नोटिस जारी किया. उसने आकर बयान दिया कि पिछली बार जब उसका वाहन दरगाह थाने के अंतर्गत बंद हुआ था तो यहां पर किसी व्यक्ति ने उन्हें बताया कि यहां ज्यादा जुर्माना मत दो. मैं कोर्ट से छुड़वा देता हूं. इस पर उस व्यक्ति ने वाहन के मालिक से 54 हजार रुपए ले लिए और विभाग का फर्जी कागज बनाकर गाड़ी को मुक्त करवा लिया. उस व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवा दी गई है. जब गिरफ्तारी होगी तो पहले की सारी चीजें निकलकर साफ हो जाएंगी.
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