Bahraich Violence: बहराइच हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद की बेटी रुखसार ने पुलिस की कार्रवाई पर बड़ा बयान दिया है. रुखसार ने आरोप लगाया कि यूपी एसटीएफ उसके पति और देवर को पकड़ कर ले गई है. जिसके बाद से उनके बारे में कुछ पता नहीं चल रहा है. रुखसार ने आशंका जताई कि कही पुलिस उनका एनकाउंटर न कर दे. उसने कहा कि मेरे पति और देवर बेकसूर हैं उन्हे छोड़ा जाए. सरफराज के फायरिंग करने के सवाल पर रुखसार ने कहा कि उन्होंने भीड़ हटाने के लिए फायरिंग की थी. बाद में जब अपने बचाव के लिए गोली चलाई तो वह रामगोपाल को लग गई.


रुखसार ने 13 अक्टूबर को हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि शाम 7 बजे के करीब मैंनें जब घर पर फोन किया तब मेरे भाई जल्दीबाजी में थे. उन्होंने मुझसे कहा कि यहां बवाल हो गया है. इसके बाद 14 अक्टूबर को पुलिस मेरे घर आई और मेरे पूरे घर की पूरी तलाशी ली. तलाशी के बाद पुलिस मेरे पति ओसामा को लेकर जाने लगी तो उन्होंने कहा कि मैं कहीं भाग नहीं रहा हूं मैं आपके साथ चलूंगा. 


पति और देवर के एनकाउंटर की आशंका
रुखसार ने कहा कि पुलिस ने पूरे घर की तलाशी लिए पर कहीं कुछ नहीं मिला. मेरे पति ओसामा और मेरे देवर शाहिद को एसटीएफ ले गई है. 14 अक्टूबर से अब तक उनका कुछ पता नहीं चला है. उन्हें कहां रखा है, कहीं पता नहीं चल रहा है. रुखसार ने कहा कि हमें 16 अक्टूबर को पता चला कि मेरे भाइयों को और पापा को अरेस्ट किया गया है. घर और आसपास के लोग वहीं डर कर छुपे हुए हैं. 


उन्होंने कहा कि मेरी गुजारिश है कि मेरे पति को और मेरे देवर को छोड़ा जाए, वह दोषी नहीं है. मैंने लव मैरिज की थी और मेरे पति मेरे मायके नहीं जाते थे. वहां कभी हिंदू मुस्लिम में कोई वैमनस्यता नहीं थी. हमारी दुकानों में अधिकतर जो ग्राहक थे वह हिंदू ही थे. रुखसार ने अपने पति और देवर के एनकाउंटर का भी डर जताया है. वहीं रुखसार के जेठ फैज मोहम्मद ने भी अपने भाई ओसामा और शाहिद को जल्द रिहा करने की मांग की और कहा कि उनके भाई निर्दोष है.


बहराइच हिंसा के आरोपी बेटी है रुखसार
रुखसार बहराइच हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद की बेटी है, उसके भाई का नाम सरफराज है, जिसे पुलिस ने गुरुवार को एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया था. सरफराज के पैर में गोली लगी है. पुलिस ने गुरुवार को पांच आरोपियों मोहम्मद फहीम, मोहम्मद तालीम उर्फ सबलू, मोहम्मद सरफराज, अब्दुल हमीद और मोहम्मद अफजाल को गिरफ्तार किया है. पुलिस का दावा है कि ये सभी नेपाल भागने की फिराक में थे. 


बता दें कि 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान डीजे को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था, इस दौरान गोली लगने से 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई थी. घटना के बाद बवाल मच गया था. इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी शुरू हो गई और गुस्साई भीड़ ने कई घरों, दुकानों, शोरूम, अस्पतालों और वाहनों को आग लगा दी. 


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