Bahraich Violence News: बहराइच हिंसा के के बाद अब जिला प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है, बहराइच हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के पास मौजूद बंदूक का लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई शुरू हो गई है और जल्द ही अब्दुल हमीद का लाइसेंस रद्द होगा. इसके लिए जिला प्रशासन की तरफ से थाने और तहसील से रिपोर्ट मांगी गई है, रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
बहराइच हिंसा में जिस लाइसेंसी बंदूक से रामगोपाल की गोली मारकर हत्या की गई है, उसका लाइसेंस साल 1995 में जारी हुआ था. लाइसेंस जारी होने के बाद रिनीवल तहसील से होता रहा है, अब तहसील और थाने से रिपोर्ट आने के बाद इस बंदूक का लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई होगी.
वहीं बहराइच हिंसा के आरोपी अब्दुल हमीद के ऊपर साल 2010 में भी एफआईआर हुई थी. रामगोपाल मिश्रा की हत्या से पहले भी हमीद और उसके बेटों पर बहराइच में ही केस दर्ज हो चुका था. साल 2010 में खेत से रास्ता निकालने को लेकर तमंचे और बंदूक से फायरिंग करने, मारपीट, हत्या के प्रयास समेत गंभीर धारा में मुकदमा दर्ज किया गया था.
मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किए थो दो आरोपी
यूपी पुलिस ने बहराइच हिंसा में युवक की गोली मारकर हत्या करने के मामले में दो आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था. पुलिस ने जिन दो आरोपियों की मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया उनाक नाम सरफराज और मोहम्मद तालीम था. वहीं इससे पहले बहराइच हिंसा के पांचों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इन सभी आरोपियों को सीजेएम प्रतिभा चौधरी के आवास पर पेश किया गया, जहां से सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
धार्मिक गाने को लेकर शुरू हुआ था विवाद
बता दें कि बहराइच में महसी के महराजगंज क्षेत्र में 13 अक्टूबर को मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के दौरान तेज आवाज में धार्मिक गाना बजाए जाने को लेकर शुरू हुआ विवाद हिंसात्मक हो गया. जिससे पूरा बहराइच हिंसा की आग में दहल उठा और इस हिंसा में युवक की गोली लगने से मौत भी हो गई.
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