Bahraich News: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिला प्रशासन ने पिछले साल अक्टूबर में महाराजगंज में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में जेल भेजे गए पांच आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया है. जिले की एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. बहराइच की जिलाधिकारी (डीएम) मोनिका रानी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की संस्तुति के आधार पर 10 मार्च को यह आदेश जारी किया. जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से मंगलवार शाम जारी एक आधिकारिक बयान में इसकी पुष्टि की गयी.
बयान में कहा गया, 'हरदी थाना क्षेत्र के महाराजगंज में पिछले वर्ष 13-14 अक्टूबर की रात को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान उपद्रवियों ने जुलूस पर पथराव किया, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था बाधित हुई. इसके बाद हुई हिंसा में जुलूस में शामिल एक युवक राम गोपाल मिश्रा (22) की मौत हो गयी.' इस हिंसा में कई लोग घायल भी हुए थे, हिंसा के बाद इलाके में हालात तनावपूर्ण हो गए थे और इलाके में भारी पुलिस बल को तैनात किया गया था.
13 लोगों के खिलाफ साबित हुए थे आरोप
मृतक के भाई की तहरीर के आधार पर हरदी थाने में छह नामजद और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. प्राथमिकी में मामले से संबंधित विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. जांच के बाद 13 लोगों के खिलाफ आरोप साबित हुए और बाद में अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया. सभी आरोपी बहराइच जिला जेल में न्यायिक हिरासत में हैं.
इन आरोपियों पर की गई रासुका की कार्रवाई
जिला प्रशासन ने घटना की गंभीरता और कानून व्यवस्था बनाए रखने की जरुरत को देखते हुए मुख्य आरोपियों के खिलाफ रासुका लगाने की प्रक्रिया शुरू की. अभियोग से सम्बन्धित अभियुक्त अब्दुल हमीद, मोहम्मद तालिब उर्फ सबलू, मोहम्मद सरफराज अहमद उर्फ रिंकू, शकील अहमद उर्फ बबलू एवं खुर्शीद अहमद के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गयी.
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