Mukhtar Ansari News: यूपी की राजनीति से जुड़ी एक बड़ी ख़बर आई है. सूत्रों के मुताबिक माफिया डॉन मुख़्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को इस बार बीएसपी टिकट नहीं देगी. चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) बाहुबली मुख्तार से अपने रिश्ते भी खत्म कर सकती है. अगले कुछ दिनों में मुख्तार को बीएसपी से निकाला जा सकता है. बीएसपी सूत्रों के मुताबिक़, माफिया छवि और आपराधिक रिकॉर्ड की वजह से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी से पार्टी दूरी बनाने की तैयारी में है.


बीएसपी के रणनीतिकारों का मानना है कि मुख्तार को एक बार फिर पार्टी का टिकट दिए जाने को बीजेपी मुद्दा बना सकती है. इसीलिए पार्टी पहले ही मुख्तार से पीछा छुड़ाने की तैयारी में है. टिकट कटने की आशंका के मद्देनजर ही मुख्तार ने पिछले दिनों अपने बड़े भाई सिबगतउल्ला को समाजवादी पार्टी में शामिल कराया है. मुख्तार के एक भाई अफजाल अंसारी बीएसपी के टिकट पर सांसद हैं लेकिन तकनीकी वजहों से फिलहाल अफ़ज़ाल को बीएसपी बाहर नहीं करेगी. ये तीसरा मौका होगा जब बीएसपी मुख्तार को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाएगी.


मऊ सीट से मुख्तार लगातार पांच बार से विधायक है


बता दें कि मऊ जिले की मऊ सीट से मुख्तार लगातार पांच बार से विधायक हैं. दो बार बीएसपी, दो बार निर्दलीय और एक बार अपनी पार्टी कौमी एकता दल से वह विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. अहम सवाल यह है कि बीएसपी द्वारा पल्ला झाड़ने के बाद मुख्तार का नया सियासी ठिकाना क्या होगा. अपने माफिया साथी पूर्व बाहुबली सांसद अतीक की राह पर चलते हुए ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का दामन तो नहीं थामेंगे?


मुख्तार अंसारी पिछले तकरीबन सोलह सालों से जेल में बंद हैं. इन दिनों वो यूपी की बांदा जेल में बंद हैं. बीएसपी का यह भी मानना है कि मऊ सीट पर अब मुख्तार अंसारी का दबदबा पहले जैसा नहीं रहा. योगी सरकार द्वारा मुख्तार और दूसरे माफियाओं के खिलाफ चलाए जा रहे आपरेशन नेस्तनाबूत अभियान के असर के चलते विपक्षी पार्टियों पर दागियों से दूरी बनाने का दबाव है.


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