UP News: बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) मिशन 2024 के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में अपनी खोई जमीन वापस हासिल करने के काम में लग गई है. इसके लिए पार्टी ने पूरा खाका खींचकर काम भी शुरू कर दिया है. सबसे पहले पार्टी ने मंडल स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन (Karyakarta Sammelan) करने शुरू किए जिसके तहत अब तक 17 मंडल में कार्यक्रम हो चुके हैं. खुद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने 23 दिसंबर 2022 को राम नगरी अयोध्या (Ayodhya) से इन सम्मेलनों की शुरुआत की थी.


18 जनवरी को अंतिम मंडल लखनऊ में कार्यकर्ता सम्मेलन होगा. इसके बाद 20 जनवरी से जिला स्तर पर ऐसे ही सम्मेलन शुरू होंगे जिसमें प्रदेश अध्यक्ष खुद रहेंगे. मायावती पहले ही ऐलान कर चुकी हैं कि चुनाव में किसी से गठबंधन नहीं होगा. पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. पार्टी का फोकस कैडर मोबिलाइजेशन और गांव-गांव बीएसपी को पहुंचाने पर है. पार्टी का मानना है कि इससे निकाय चुनाव की जमीन तो तैयार होगी साथ ही 2024 में मजबूती से मैदान में रहेंगे. मंडल स्तर का अंतिम कार्यक्रम 18 जनवरी को लखनऊ में है. इसके बाद 20 जनवरी से जिला स्तर के कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे. जिला स्तर पर सभाएं करने के साथ ही रिव्यु मीटिंग भी होगी.


युवाओं को कैडर के आधार पर तैयार करेगी बसपा
पार्टी का फोकस बूथ कमेटी से लेकर प्रदेश कमेटी तक सभी जगह 50 फीसदी भागीदारी युवाओं को देने पर है. बसपा एमएलसी और लखनऊ मंडल के प्रभारी भीमराव अंबेडकर ने कहा कि युवाओं को लंबे समय से कैडर नहीं मिला. हम लोगों को कांशीराम, मायावती और जो वरिष्ठा थे उनसे कैडर मिला है. लेकिन 10 साल से बसपा में कैडर नहीं हो पाया तो हमारी युवा पीढ़ी समझ ही नहीं पा रही कि हमारा मिशन क्या है. 50 फ़ीसदी युवा का मतलब है बूथ कमेटी, सेक्टर कमेटी, विधानसभा कमेटी, जिला कमेटी, मंडल की कमेटी, प्रदेश की कमेटी, हर कमेटी में 50 फीसदी युवाओं को भागीदारी देनी है. जिससे हमारा मिशन, मूवमेंट खत्म ना हो क्योंकि ये ऐसा मिशन है जिसके लिए बहुत बलिदान दिया गया है. हम युवाओं को कैडर बेस पर तैयार करेंगे जो इस लड़ाई को मंजिल तक पहुंचाएं.


मायावती स्टाइल में होगी कैडर बैठक
प्रभारी भीमराव अंबेडकर ने कहा कि मायावती ने संगठन में जमीनी स्तर से काम करना शुरू किया और उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रही हैं. जिस तरह वह 10-10, 20-20 लोगों की कैडर बैठकें करती रही हैं, वैसे ही हमें करनी है. संविधान में जो अधिकार मिले हैं वह तब हासिल होंगे जब हम वोट की ताकत से अपनी सत्ता बनाएंगे. यह बात समाज को समझाने के लिए हम इस पर काम कर रहे. सरकार अगर कहती कि हम देश में 81 करोड़ लोगों को निशुल्क राशन देते, इसका मतलब 81 करोड़ लोग वह है जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते.


ये भी पढ़ें -


Bikru Case: जमानत मिलने के 12 दिन बाद भी जेल से बाहर नहीं आ पाई खुशी दुबे, वकील ने लगाया गंभीर आरोप