प्रत्यक्ष तौर पर कुंभ मनाएगा बैरागी अखाड़ा, संक्रमण को देखते हुये अपने अनुयायियों से की ये अपील
हरिद्वार में कोरोना संक्रमण के बीच कई अखाड़ों ने कुंभ समाप्ति का एलान किया है, लेकिन दूसरी तरफ बैरागी अखाड़े ने इसे प्रत्यक्ष रूप से मनाने का फैसला लिया है.
हरिद्वार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महाकुंभ को लेकर की गई संतों से अपील का बड़ा असर हुआ है. कई अखाड़ों के संतों ने पीएम मोदी की अपील का स्वागत किया है और महाकुंभ को प्रतीकात्मक मनाने की बात कही है. वहीं, बैरागी अखाड़ों के संतों ने पीएम मोदी की अपील को स्वागत योग्य जरूर बताया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि, कुंभ प्रतीकात्मक नहीं हो सकता, कुंभ प्रत्यक्ष रूप से ही मनाया जा सकता है. क्योंकि भगवान प्रत्यक्ष होते हैं मां गंगा प्रत्यक्ष हैं, इसलिए बैरागी अखाड़े कुंभ को प्रतीकात्मक ना मना कर प्रत्यक्ष रुप में ही मनाएंगे.
अपने अनुयायियों से की अपील
हालांकि बैरागी अखाड़ों ने कुंभ में आने वाले तमाम अनुयायियों से अपील की है कि, वह कोरोना के नियमों का पालन करें और कम से कम ही लोग शाही स्नान के दौरान मां गंगा में डुबकी लगाने आए. बैरागी संतों ने कहा कि, कोरोना की वजह से महाकुंभ को पहले ही सीमित किया गया है.
जूना अखाड़े ने कुंभ समाप्ति की घोषणा
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी से फोन पर बात करके अपील की है कि, वह महाकुंभ को प्रतीकात्मक तौर पर मनाए. पीएम की इस अपील का संत समाज ने भी स्वागत किया है. साधु संतों का कहना है कि महामारी को रोकने के लिए पीएम मोदी की अपील का समर्थन करते हैं, अवधेशानंद गिरी ने भी प्रधानमंत्री की अपील स्वीकार की और ट्वीट कर समापन की घोषणा कर दी है.
ये भी पढ़ें.