Moradabad News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में पुलिस ने गोकशी की दो घटनाओं का सनसनीखेज खुलासा करते हुए बजरंगदल के 3 नेताओं सहित 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है की गोकशी की दोनों वारदातें बजरंग दल के नेताओं ने थाना प्रभारी को हटवाने के लिए अंजाम दिलवाई थी. दावा है कि थाना प्रभारी उनके कहने पर अनैतिक कार्य नहीं करते थे इसलिए बजरंग दल के नेताओं ने षड्यंत्र रचते हुए गौकशी की घटनाएं अंजाम दिलाईं. फिर थाने के बाहर थाना प्रभारी को सस्पेंड कराने और पुलिस पर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन किए, लेकिन पुलिस इनके दबाव में नहीं आई. पुलिस ने गोकशी की दोनों घटनाओं की गहराई से जांच की तो इसमें बजरंग दल के जिला प्रमुख सुमित विश्नोई उर्फ़ मोनू, रमन चौधरी, राजीव चौधरी और शहाबुद्दीन सहित 4 लोगो को पुलिस ने गिरफ्तार किया है जबकि इनके 2 साथी अभी फरार हैं.
पुलिस की इस कार्यवाही के बाद अब बजरंग दल और विहिप ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आरोप लगाया है की पुलिस ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को गोकशी के झूठे मुक़दमे में फंसाया है बजरंग दल से जुड़े लोग ऐसा काम नहीं कर सकते इसलिए पुलिस के खिलाफ वह कोर्ट जायेंगे.
दरअसल मुरादाबाद के छजलैट थाना इलाके में 16 जनवरी और 28 जनवरी को गोकशी की दो घटनाओं की सूचना पुलिस को मिली थी जिस पर पुलिस ने दोनों घटनाओं का मुकदमा थाने पर दर्ज कर अपनी जांच शुरू की थी. इसी बीच बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पुलिस के खिलाफ थाने के बाहर सड़क पर प्रदर्शन कर थाना प्रभारी को सस्पेंड करने की मांग कर दी थी और गोकशी के आरोपियों को फंसी देने की मांग की थी.
बजरंग दल नेताओं का कहना था की इलाके में गोकशी की घटनाओं की पुलिस को सूचना देने के बाद भी पुलिस कोई ठोस कार्यवाही बताये गये लोगो पर नहीं कर रही है, इधर बजरंग दल नेता लगातार प्रदर्शन कर पुलिस पर कुछ लोगो को गिरफ्तार करने का दबाव बना रहे थे तो दूसरी तरफ पुलिस को गोकशी की दोनों घटनाओं से मिले सबूत और घटनाक्रम से संदेह हुआ की कहीं यह किसी षड्यंत्र के तहत तो नहीं किया गया है.
गिरफ्तारी चर्चा का विषय बनी
पुलिस ने संदिग्ध मोबाईल नंबरों की जांच की तो पुलिस को दोनों घटनाओं के तार जोड़ने में देर नहीं लगी और उसने गोकशी की सूचना देने वाले लोगो से गहराई से पूछताछ की और एक एक कर इस घटना के सभी संदिग्धों से बात की तो पुलिस को पता चला की दोनों घटनाओ में प्रदर्शन करने वाले बजरंग दल के नेता ही शामिल थे और उन्होंने ये घटनाएं थाना प्रभारी को सस्पेंड कराने के लिए अंजाम दिलाई थीं.
अब मुरादाबाद पुलिस की इस कार्यवाही पर बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद् ने एतराज जताते हुए अपने कार्यकर्ताओं को झूठे केस में जेल भेजने का आरोप पुलिस पर लगा दिया है. फ़िलहाल ये चारो आरोपी मुरादाबाद जेल में बंद हैं और पुलिस इन के बाकी साथियों की तलाश कर रही है. गोकशी के आरोप में बजरंग दल से जुड़े लोगो की गिरफ़्तारी चर्चा का विषय बनी हुई है.