(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mahant Narendra Giri: नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी के लिए बलबीर गिरि का नाम तय, षोडशी पर औपचारिक एलान!
Mahant Narendra Giri Successor: महंत नरेंद्र गिरि की षोडशी के दिन उनके उत्तराधिकारी का एलान हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक, उत्तराधिकारी के लिए बलबीर गिरि के नाम पर सहमति बन गई है.
Mahant Narendra Giri Shodashi: अखाड़ा परिषद के दिवंगत अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की षोडशी 5 अक्टूबर को बाघम्बरी मठ (Baghambari Math) में होगी. षोडशी में निमंत्रण के लिए कार्ड छपने के लिए दे दिए गए हैं. देशभर से 8 हजार से ज्यादा लोगों को इसमें बुलाया जाएगा. इनमें संत महात्माओं से लेकर तमाम राजनेता और ब्यूरोक्रेट्स भी शामिल होंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भी षोडशी संस्कार में शामिल हो सकते हैं.
बलबीर गिरि होंगे उत्तराधिकारी!
उधर, निरंजनी अखाड़े के पंच परमेश्वरों व दूसरे पदाधिकारियों ने अब महंत नरेंद्र गिरि की वसीयतनामे के आधार पर बलवीर गिरि को ही उनका उत्तराधिकारी घोषित किए जाने का मन बना लिया है. अनौपचारिक बैठक में यह तय भी कर लिया गया है. हालांकि अखाड़े के संतों के पास महंत नरेंद्र गिरि की वसीयत को ठुकराने या चुनौती देने का कोई बड़ा आधार भी नहीं था. महंत नरेंद्र गिरि की षोडशी के दिन बलबीर गिरि के नाम का औपचारिक तौर पर ऐलान किया जा सकता है.
आरोपियों को मठ और मंदिर ला सकती है सीबीआई
महंत की मौत की जांच सीबीआई कर रही है. सीबीआई की टीम आज लगातार पांचवें दिन भी बाघम्बरी मठ पहुंचकर अपनी छानबीन जारी रख सकती है. सीबीआई की टीम आज कस्टडी में लिए गए तीनों आरोपियों को भी मठ और हनुमान मंदिर ला सकती है. इससे पहले पुलिस लाइंस में देर रात तक आरोपियों से पूछताछ की गई. सूत्रों के मुताबिक तीनों आरोपियों से रात करीब 2:45 बजे तक पूछताछ हुई. इसके बाद आरोपियों को आराम करने के लिए कहा गया. सूत्रों ने जानकारी दी है कि मुख्य आरोपी आनंद गिरि रात भर नहीं सोए. सीबीआई द्वारा आराम करने की छूट दिए जाने के बाद भी वह बैठे रहे और सुबह 4 बजे ही उन्होंने तकरीबन 45 मिनट तक योग किया. उसके बाद देर तक हनुमान चालीसा की चौपाइयां पढ़ते रहे.
आज दिन भर पूछताछ करने के बाद सीबीआई की एक टीम रात के वक़्त मुख्य आरोपी आनंद गिरि को लेकर हरिद्वार के लिए रवाना हो सकती हैं. हरिद्वार में कल आनंद गिरि के निर्माणाधीन और सील आश्रम में छानबीन हो सकती है. वहां लगे सीसीटीवी कैमरों के जब्त डीवीआर के आधार पर भी पड़ताल हो सकती है. इसके अलावा सीबीआई की टीम बाहरी लोगों के बयान भी दर्ज कर सकती है. यह बाहरी लोग वह हो सकते हैं जिनसे आनंद गिरि की अक्सर लंबी बातचीत होती थी. इसके साथ है की सीबीआई गुरु और शिष्य के बीच लखनऊ में समझौता कराने वाले तीनों लोगों से भी बयान ले सकती है.
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