बलिया: अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले यूपी के बलिया से बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह ने प्रदेश सरकार की तरफ से पांच साल तक संविदा पर नौकरी देने संबंधी सदन में प्रस्ताव लाए जाने को लेकर अपना विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि संविदा प्रकरण यदि सदन में उठाया गया तो मैं अपना पक्ष रखूंगा कि संविदा किसी भी दृष्टि से प्रसंगिक नहीं है.


विधायकों और सांसदों की योग्यता का भी टेस्ट होना चाहिए
सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि ये प्रसंगिक नहीं है कि कोई शिक्षक बीटीसी, बीएड, टीजीटी और टीईटी निकाले, परीक्षा पास करे, फिर पांच साल बाद दोबारा परीक्षा दे. बीजेपी विधायक यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि कोई भी विचारधारा और सिद्धांत पहले अपने ऊपर लागू होना चाहिए. मैं तो यह भी कहूंगा कि तब तो विधायकों और सांसदों की योग्यता का भी टेस्ट होना चाहिए.


संविदा प्रासंगिक नहीं
बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह ने बैरिया में मीडिया से बातचीत में कहा है कि ''मैं बिल्कुल स्पष्ट कर रहा हूं कि अगर संविदा प्रकरण सदन में उठाया गया तो मैं बिल्कुल समाज का हितैषी होने के नाते उस पक्ष को रखूंगा कि संविदा किसी भी दृष्टि से प्रासंगिक नहीं है.


प्रियंका गांधी ने भी साधा निशाना
गौरतलब है कि, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की नीति पर सवाल उठाए हैं. सरकारी नौकर में संविदा पर नियुक्ति को लेकर उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये काला कानून है. प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि युवाओं की भर्तियों पर ताला लगाना अन्याय है.


यह भी पढ़ें:



संविदा पर नौकरी को प्रियंका गांधी ने बताया 'काला कानून', कहा- योगी सरकार लाठी से नहीं दबा सकती युवा ललकार


भारत-चीन सीमा विवाद: अखिलेश यादव बोले- जो गलती कांग्रेस ने की उसे बीजेपी को नहीं दोहराना चाहिए