UP News: गाजीपुर की पातालगंगा सब्जी मंडी 1 साल में करीब 5 करोड़ से ऊपर का राजस्व देती है. बदले में मंडी समिति की तरफ से किसानों को सुविधा नहीं मिलती है. अब किसानों को मंडी से दूर करने का जिला प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है. बुधवार को बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने जिला प्रशासन और मंडी समिति के सामने किसानों का मुद्दा उठाया. उन्होंने खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि 5 करोड़ तुम्हारे बाप के खजाने का नहीं है. मेरे खजाने का है. यहां विकास करो. दरअसल भांवरकोल ब्लॉक के पातालगंगा में साल 2001 से कुछ किसानों की पहल पर मंडी लगना शुरू हुआ था.


पातालगंगा सब्जी मंडी को शिफ्ट करने का विरोध


पातालगंगा मंडी से किसानों की सब्जी बांग्लादेश, नेपाल सहित कई देश और प्रदेशों में सप्लाई होती है. करीब 5 किलोमीटर के क्षेत्रफल में सड़क किनारे दोपहर 2:00 बजे से रात 10:00 बजे तक मंडी में चहल पहल रहती है. पिछले दिनों बक्सर का पुल बन जाने के बाद सड़क पर आवागमन बढ़ने से अब जाम की स्थिति पैदा हो रही है. जाम की समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने मंडी को पातालगंगा से करीब 20 किलोमीटर दूर यूसुफपुर में शिफ्ट करने का फैसला किया है. किसान पातालगंगा सब्जी मंडी को शिफ्ट करने का लगातार विरोध कर रहे हैं.


किसानों के मुद्दे पर बलिया सांसद ने दिखाए तेवर


उनका कहना है कि यूसुफपुर गल्ला मंडी बाजार और रेलवे स्टेशन के पास है. इलाके में गाड़ियों का आवागमन भी काफी होता है. पातालगंगा मंडी के यूसुफपुर में शिफ्ट होने से ट्रैफिक जाम की समस्या भयंकर हो जाएगी. किसानों ने बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त को समस्या बताते हुए ज्ञापन सौंपा था. उन्होंने आज किसान संवाद का कार्यक्रम पातालगंगा मंडी में रखा. सांसद ने साफ शब्दों में कहा कि सब्जी मंडी पातालगंगा से शिफ्ट नहीं होगी. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के सामने भी किसानों का मुद्दा उठाएंगे. किसानों को मिलने वाली सुविधा पर भी बात की जाएगी. बताते चलें की पातालगंगा मंडी समिति का कोई स्थाई कार्यालय नहीं है. हर साल 5-6 करोड़ राजस्व की वसूली मंडी समिति यूसुफपुर गल्ला मंडी के नाम से वसूल करती है. मंडी समिति किसानों और दुकानदारों की सुविधा पर पर एक रुपए भी खर्च नहीं करती है. 


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