Ballia News: बलिया अस्पताल में रिश्वतखोरी! आंख के ऑपरेशन के नाम पर वसूले जा रहे पैसे, अब मामले की हो रही जांच
Ballia Hospital: मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर वी. के. सिंह का कहना है कि वीडियो संज्ञान मे आया है, मामले की जांच की जा रही है, जिस भी डॉक्टर का नाम सामने आएगा उनसे स्पष्टीकरण लिया जाएगा
Ballia Hospital News: यूपी के बलिया (Ballia) के जिला अस्पताल में आंख के ऑपरेशन के नाम पर अस्पताल के कर्मचारी द्वारा एक मरीज के परिजन से रिश्वत मांगी गई. इस मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि वीडियो की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. साथ ही संबंधित डॉक्टर से इसका जवाब मांगा जाएगा. दरअसल, यह मामला बलिया के जिला चिकित्सालय का है, जहां आंख के ऑपरेशन के नाम पर अस्पताल के एक कर्मचारी द्वारा रिश्वत मांगी गई.
आंख के ऑपरेशन के नाम पर कर्मचारी दो हजार रूपये मांगता है और कहता है कि मानती के साथ है. मरीज जब कर्मचारी से कहता है कि गरीब आदमी कहां से पैसे देगा, इस पर कर्मचारी ने कहा कि तो हम लोग अस्पताल कहा से चलाएंगे. इस पर मरीज के साथ आए व्यक्ति ने कहा कि हम जानते हैं कि पैसे नहीं लगते हैं जिसके बाद कर्मचारी कहता है कि सब लोग दे रहे हैं तो आपको भी देने ही होंगे.
इसके बाद मरीज के साथ का व्यक्ति पांच पांच सौ के दो नोट देता है और कहता है कि यही एक हजार रुपये हैं, रख लीजिये. इसके बाद कर्मचारी ने कहा कि वो तो हम रख ही लेंगे फिर दोबारा आपका काम कभी नहीं होगा.
सीएमएस ने जांच को लेकर कही ये बात
वीडियो वायरल होने के बाद जब मामला सामने आया तो मरीज के साथ के व्यक्ति ने बताया कि वह अपने एक रिश्तेदार जो उसकी मां के समान है, उसकी आंख के ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल के डाक्टर एस. प्रसाद से दिखाने गया था. डॉक्टर से ऑपरेशन कराया गया और डॉक्टर ने अपने एक कर्मचारी लाल बहादुर के जरिये हमसे एक हजार रूपये लिए और वहां मौजूद सभी मरीजों से पैसा लिया जा रहा था.
इस मामले में प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर वी. के. सिंह का कहना है कि वीडियो संज्ञान मे आया है, मामले की जांच की जा रही है, जिस भी डॉक्टर का नाम सामने आएगा उनसे स्पष्टीकरण लिया जाएगा और उनके ऊपर जांच बैठाई जाएगी. जांच में अगर दोषी पाए जाएंगे तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. सीएमएस ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अस्पताल में किसी प्रकार का पैसा नहीं लिया जाता है. किसी मरीज को एक भी पैसा अस्पताल में इलाज के नाम पर देने की जरूरत नहीं है.
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