Ballia News: बलिया जिले में भीषण गर्मी और लू के कहर के बीच पिछले चार दिनों में 57 लोगों की मौत हो गई है. इस बीच, मामले को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा गठित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की दो सदस्यीय टीम ने रविवार से जांच शुरू कर दी है. टीम की अगुवाई कर रहे निदेशक (संचारी रोग) डॉ ए. के. सिंह ने बलिया में मौत की भयावहता को स्वीकार करते हुए कहा कि रोगियों का उपचार करने के लिए चिकित्सकों को समय तक नहीं मिल सका. उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह मौतों की वजह के बारे में अभी कुछ नहीं बता सकते.
डॉ ए. के. सिंह ने संवाददाताओं को बताया, “भर्ती कराए गए कई मरीजों की दो से छह घंटे के अंदर ही मौत हो गई. उनके खून की जांच तक नहीं कराई जा सकी. बलिया की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए जलवायु विभाग से भी जांच करने का अनुरोध किया गया है. पानी की विशेष रूप से जांच होना आवश्यक है.“ उन्होंने बताया कि जांच के दौरान अधिकांश रोगियों में सीने में दर्द, बुखार व सांस फूलने की बीमारी के लक्षण मिले हैं. टीम इन लक्षणों को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है.
अखिलेश यादव का दावा
इस मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में एक बयान में कहा कि प्रदेश में पूरी तरह से अराजकता है और सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. उन्होंने दावा किया, “ गर्मी से बलिया में 24 घंटे में 36 मौतें होना दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक घटना है. बलिया जिले में ही पिछले आठ दिनों में 121 मरीजों की मौत हो चुकी है.”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ”बीजेपी सरकार के दावों की पोल जनता के सामने खुल चुकी है. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में जरूरी दवाएं तक उपलब्ध नहीं हैं.” वहीं परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का इस मामले को लेकर अजीबोगरीब बयान सामने आया है. उन्होंने रविवार को एक सरकारी कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि गर्मी के समय मृत्यु दर बढ़ जाती है और पहले भी ऐसा होता रहा है, ऐसा नहीं है कि सिर्फ इसी बार ऐसा हो रहा है.