Ballia News: यूपी के बलिया (Ballia) में चिकित्सा व्यवस्था राम भरोसे है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बड़ी लापरवाही सामने आई है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर न होने के चलते ऑटो दुर्घटना के शिकार घायलों का इलाज रिटायर्ड स्वीपर करता दिखाई दिया और घायलों को अस्पताल में फर्श पर लेटा कर इलाज किया जा रहा था. जिसके बाद आयुष चिकित्सक ने ड्यूटी नही होने के बावजूद भी मानवता के नाते घायलों का इलाज किया.


क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांसडीह का है. जहां डॉक्टरों की गैर-मौजूदगी में ऑटो दुर्घटना में बुरी तरह से घायलों का इलाज करते एक स्वीपर दिखाई दिया. जबकि इन घायलों में 5 लोग सर में चोट लगने के कारण गंभीर हालत में हैं. वहीं घायलों के तीमारदार की माने तो वो लगभग एक घंटे से इंतजार कर रहे हैं और यहां पर कोई डॉक्टर नहीं है. घायल मरीजों को फर्श पर इस तरह सुलाया गया है जैसे किसी लाश को रखा जाता है.


आयुष डॉक्टर ने आकर किया इलाज
ऑटो दुर्घटना में सवार सात लोग घायल हो गए जो इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे थे. फ़ोन पर किसी व्यक्ति द्वारा सूचना पाकर अस्पताल पर पहुंचे आयुष चिकित्सक की माने तो यहां पर टेंपो का एक्सीडेंट हुआ है. इनमें से 5 मरीजों को सिर में काफी गंभीर चोट के कारण रेफर कर दिया गया है और दो लोग ठीक है. मैं ड्यूटी पर नहीं हूं. ड्यूटी पर दूसरे लोग है. मुझे अभी कॉल गयी तो तुरंत यहां पहुंच गया. हम इनका ट्रीटमेंट इसलिए कर रहे है कि हम एक डॉक्टर है और मानवता के नाते हमारा यह हक है. फिलहाल जिन लोगों की ड्यूटी है यहां पर है उनमें से कोई मौजूद नहीं है. वहीं अस्पताल में घायलों का इलाज कर रहे रिटायर्ड स्वीपर की माने तो हम रिटायर्ड स्वीपर है हम पट्टी कर रहे है. डॉक्टर साहब नाश्ता करने गए है.


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