बलिया: प्रशासन की पहल के बाद अनाथ बच्चों को मिला सहारा, कोरोना की वजह से हुई थी मां की मौत
बलिया जिले के बैरिया तहसील क्षेत्र के दलन छपरा ग्राम पंचायत में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मां की मौत हो गई थी. मां की मौत के बाद उसकी बेटियां काजल, रूबी, रेनू और बेटा अंकुश अनाथ हो गए. अब जिला प्रशासन की पहल के बाद एक सामाजिक संस्था ने इन बच्चों को सहारा दिया है.
![बलिया: प्रशासन की पहल के बाद अनाथ बच्चों को मिला सहारा, कोरोना की वजह से हुई थी मां की मौत Ballia ngo take responsibility four orphan children after mother died due to corona infection बलिया: प्रशासन की पहल के बाद अनाथ बच्चों को मिला सहारा, कोरोना की वजह से हुई थी मां की मौत](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/05/30/c6b8ade4255949e1f06f50a5a86ed162_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
बलिया: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के एक गांव में पहले कैंसर पीड़ित पिता और फिर कोरोना संक्रमण से मां की मौत से अनाथ हो गए चार भाई-बहनों को जिला प्रशासन की पहल के बाद एक सामाजिक संस्था ने सहारा दिया है. माता-पिता की मौत से अनाथ हुए चार बच्चों में एक भाई और एक बहन को वाराणसी की एक सामाजिक संस्था ने गोद ले लिया है. ये संस्था दोनों भाई-बहन की उच्च शिक्षा और नौकरी लगने तक सभी खर्च उठाएगी और इसके साथ ही घर पर रह रही दो बहनों और उसकी दादी को जीवन यापन के लिए आर्थिक सहायता मुहैया कराएगी.
रिपोर्ट तीन माहीने पर उपलब्ध कराते रहें
बाल कल्याण समिति के सदस्य राजू सिंह ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि चाइल्ड लाइन ने समिति की न्यायपीठ के समक्ष शनिवार को दो बच्चों रेनू और अंकुश को प्रस्तुत किया. समिति की न्यायपीठ के अध्यक्ष प्रशांत पांडेय और सदस्यों ने एसओएस, बालग्राम, वाराणसी के निदेशक को दोनों बच्चों को सुपुर्द किया तथा निर्देश दिया कि रेनू (नौ) और अंकुश (सात) को 18 वर्ष की उम्र होने तक संरक्षण प्रदान करें. साथ ही बच्चों से संबंधित रिपोर्ट प्रत्येक तीन माह पर उपलब्ध कराते रहें.
आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी
जिला प्रोबेशन अधिकारी समर बहादुर सरोज ने दोनों बच्चों को कपड़े, जूते, दैनिक उपयोग की सामग्री, सूखा फल, बिस्कुट और नमकीन उपलब्ध कराया. सरोज ने बताया कि संस्था अपनी एक योजना के तहत दो अन्य बच्चों काजल (15) और रूबी (13) और उनकी दादी को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगी. उन्होंने बताया कि महिला कल्याण विभाग की योजना के तहत काजल और रूबी को प्रत्येक माह दो-दो हजार रुपये मिलेगा.
नहीं टूटा हौसला
गौरतलब है कि, बलिया जिले के बैरिया तहसील क्षेत्र के दलन छपरा ग्राम पंचायत में पिछली 10 मई को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पूनम देवी की मौत हो गई थी. इसके करीब तीन वर्ष पहले पूनम के पति संतोष पासवान की कैंसर से मौत हो गई थी. पूनम की मौत के बाद उसकी बेटियां काजल, रूबी, रेनू और बेटा अंकुश अनाथ हो गए. भाई-बहनों की परवरिश की जिम्मेदारी इनकी दादी फुलेश्वरी देवी पर आ गई. फुलेश्वरी देवी ने कहा था कि वो विधवा पेंशन के सहारे अपने पोते-पोती की परवरिश करेंगी जबकि सात वर्षीय अंकुश ने कहा था कि वो मजदूरी कर शिक्षा ग्रहण करेगा और पुलिस अधिकारी बनकर अपनी बहनों की शादी करेगा.
परिवार की परवरिश का भरोसा दिलाया
मीडिया के जरिए इन बच्चों की पीड़ा सामने आने के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुआ और जिलाधिकारी अदिति सिंह ने इस परिवार की परवरिश का भरोसा दिलाया.
ये भी पढ़ें:
बलरामपुर: राप्ती नदी में फेंका गया कोविड संक्रमित शख्स का शव, वायरल हुआ वीडियो
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)