Uttar Pradesh News: यूपी के बलिया (Ballia) में लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) के मृत चौकीदार का पूरा परिवार लोक निर्माण विभाग के कार्यालय पर आमरण अनशन पर बैठ गया है. रिटायर्ड चौकीदार के परिजनों का लोक निर्माण विभाग पर आरोप है कि वे जीपीएफ और अन्य भुगतान के लिए 20 महीने से विभाग का चक्कर लगा रहे हैं. विभाग के एक बाबू ने इसके लिए बीस हजार रुपये रिश्वत ले लिया और एक बाबू के पास जी.पी.एफ. की फाइल है वह भी पैसे की मांग रहे हैं लेकिन गरीबी के कारण वे पैसा नहीं दे पा रहे हैं. उनका कहना है कि हम खाने को मजबूर हैं और घर में कोई कमाने वाला नहीं है.


चक्कर काट रहे विभाग के
लोक निर्माण विभाग के कार्यालय पर अपनी पत्नी और बच्चों समेत अमरण अनशन पर बैठा यह परिवार रिटायर्ड और मृतक चौकीदार स्वर्गीय रामधारी का है. ये लोग रामधारी के जीपीएफ और अन्य भुगतान नहीं होने से आमरण अनशन का रास्ता अख्तियार करने को मजबूर हैं. इनकी मानें तो हमारे पिताजी को जनवरी 2021 में रिटायर होना था और अप्रैल 2020 में उनका देहांत हो गया और तभी से वे लोग विभाग के चक्कर काट रहे हैं. पैसा अभी तक नहीं मिला है. संबंधित बाबू कमलेश ने 20,000 रुपये ले लिया और कहा कि पैसा मिल जाएगा लेकिन अब तक पैसा नहीं मिला.


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और क्या आरोप लगाया
परिवार का कहना है कि, धीरज बाबू के यहां जीपीएस है वह भी पैसा मांग रहे हैं लेकिन हम गरीबी के हालत में पैसा नहीं दे पा रहे हैं. अब तक हमारा भुगतान नहीं किया गया है. आज लगभग 20 महीने पूरे हो गए हैं अब हम मजबूर होकर आमरण अनशन पर बैठे हैं. हम गरीबी के कगार पर हैं और खाने के लिए मर रहे हैं, घर में कोई कामाने वाला नहीं है. हम सुबह से ही यहां बैठे हुए हैं और अभी तक कोई अधिकारी देखने नहीं आया कि हम क्यों बैठे हैं. धीरज यादव बाबू भी पैसे मांग रहे हैं. उनके पास लगभग 9 लाख जीपीएफ है, कमलेश बाबू 20 हजार रुपये मांग रहे हैं.


अधिशासी अभियंता ने क्या कहा 
वहीं इस मामले में अधिशासी अभियंता अरुण कुमार की मानें तो यह जी.पी.एफ. ग्रेच्युटी और राशिकरण मामला है. इस संबंध में पूर्व के अधिशासी अभियंता ने इनको सक्सेशन प्रमाण पत्र जारी करने के लिए 2 लेटर दे दिया था लेकिन ये लोग सक्सेशन प्रमाण पत्र देने से मना कर रहे हैं. इसकी वजह से मामला कोर्ट का हो जाता है. पूर्व के अधिशासी अभियंता ने यह जारी कर दिया है. इस फाइल को स्टडी कर रहा हूं और उम्मीद करता हूं कि शाम तक इस मामले को सुलझा दूंगा. 


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