Leopard Terror in Balrampur: बलरामपुर में पिछले 15 दिनों से पसरी दहशत खत्म हो गई है. खूंखार तेंदुए को पकड़े जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली. वन विभाग की टीम को काफी मशक्कत के बाद तेंदुए को पकड़ने में सफलता मिली. तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजड़ा लगाया गया था. कैद तेंदुए को अब जंगल में छोड़ने की तैयारी की जा रही है. बता दें कि सुहेलवा वन्यजीव प्रभाग में तेंदुए का आतंक पिछले 15 दिनों से जारी थी. लोगों ने डर के मारे घरों से बाहर निकलना छोड़ दिया था. तेंदुआ पिछले 15 दिनों में हमला कर 15 से ज्यादा लोगों को घायल कर चुका है जबकि एक बच्ची की मौत हो चुकी है. वन विभाग की लापरवाही के खिलाफ लोगों को प्रदर्शन तक करना पड़ा था.


काफी मशक्कत के बाद वन विभाग की कैद में तेंदुआ


बुधवार को तेंदुए ने एक बार फिर हमला कर दो बच्चों सहित 5 लोगों को घायल कर दिया. घायलों को तुलसीपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बसंतपुर गांव के बाहर कुछ बच्चे खेल रहे थे. झाड़ी में छिपे बैठे तेंदुए ने अचानक बच्चों पर धावा बोल दिया. शोर सुनकर बच्चों को बचाने ग्रामीण दौड़े. तेंदुए ने तीन अन्य ग्रामीणों को भी घायल कर दिया. घायलों में विजय और परमात्मा को तुलसीपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. तेंदुए के हमले की जानकारी मिलते ही वनाधिकारी डॉ सेम मारन एम, क्षेत्रीय वनाधिकारी एम बाक्स सिंह सहित पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे.




15 दिनों से दहशत खत्म होने के बाद राहत की सांस


उन्होंने नाराज ग्रामीणों से बात कर सुरक्षा का भरोसा दिलाया. वन विभाग की टीम ने तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजड़ा लगाया. आखिरकार वन विभाग की मशक्कत रंग लाई. वनाधिकारी ने किसानों से सतर्क और सावधान रहने की अपील की है. उनका कहना है कि फसलों की कटान के कारण खेत खाली हो रहे हैं. ऐसे में जंगली जानवरों के खेतों में छिपे रहने की आशंका ज्यादा रहती है. खेतों में काम करते समय सावधान रहें. तेंदुआ या अन्य किसी वन्य जीव के साथ छेड़छाड़ न करें. नजर आने पर फौरन वन विभाग को सूचना दें ताकि आवश्यक कदम उठाए जा सके. 


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