देहरादून. नहाय खाय के साथ छठ महापर्व का आगाज हो चुका है. हालांकि कोरोना काल में छठ घाटों से रौनक गायब है. देहरादून में छठ पूजा के लिए 30 से अधिक घाट हैं जिसमें हजारों श्रद्धालु एकत्रित होकर छठ महापर्व को मनाते हैं, लेकिन इस बार प्रशासन ने बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए घाटों पर छठ महापर्व को मनाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. प्रशासन ने घाटों और नदियों के किनारे लोगों के एकत्रित होने को लेकर गाइडलाइन जारी की है. गाइडलाइन में कहा गया है की इस बार श्रद्धालु इन जगहों पर सूर्य को अर्घ्य नहीं देंगे, बल्कि अपने-अपने घरों पर ही छठ पूजा को मनायेंगे.
बतादें कि उत्तराखंड में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं. यही वजह है कि प्रशासन ने छठ घाटों पर लोगों के इकट्ठा होने से रोक लगा दी है. देहरादून के साथ ही हरिद्धार जिले में भी इसबार घाटों और नदियों के किनारे श्रद्धालु इकट्ठा नहीं हो सकेंगे. हालांकि दीपावली के बाद से छठ को लेकर घाटों की साफ-सफाई और सजावट शुरू हो गई थी.
जमकर खरीददारी कर रहे हैं लोग
घाटों से तो भीड़ नदारद है, लेकिन बाजारों में लोग जमकर खरीददारी कर रहे हैं. देहरादून में बिहारी समाज से जुड़े हुए लाखों लोग रहते हैं. यही वजह है की छठ पर्व के दौरान यहां भी बाजारों में खूब खरीददारी होती है. भले ही इसबार जिला प्रशासन ने लोगों को घाटों और नदियों पर छठ पर्व मनाने से मना किया हो, लेकिन लोगों की खरीददारी में कोई कमी नहीं आई है. देहरादून के हनुमान चौक पर महिलाएं-पुरूष कच्ची हल्दी, अनानास, शकरकंदी, शुकनी, गन्ना, हरी सब्जियां और छठ से जुड़े सामान की खूब खरीददारी कर रहे हैं.
छठ घाटों पर पुलिस की नजर
गाइडलाइन के बाद पुलिस प्रशासन इन आदेशों के तहत सजग दिखाई दे रहा है. देहरादून डीआईजी अरूण मोहन जोशी का कहना है कि प्रशासन के आदेशों के बाद नदियों और घाटों पर पुलिस की निगरानी रहेगी. किसी भी तरह से भीड़ एकत्रित नहीं होने दी जायेगी.
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