किसान आंदोलन और हाल ही में हुई हिंसा से पूरे देश में चर्चा में आने वाले उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के किसानों ने एक अनोखा रिकॉर्ड कायम किया है. दरअसल, लखीमपुर खीरी के किसानों ने राज्य से पहली बार केले का निर्यात किया है. यह पहली मौका है जब उत्तर प्रदेश से केले का निर्यात किया गया है.
लखीमपुर खीरी के पलिया कलां में पैदा हुए केले को ईरान भेजा गया है. अब लखीमपुर खीरी के यह केले ईरान में अपनी मिठास बढ़ाएंगे और वहां के लोगों को ऊर्जावान करेंगे.
उत्तर प्रदेश से हुआ पहली बार केले का निर्यात
भारत के इतिहास में उत्तर प्रदेश केला उत्पादक राज्यों के सूची में भी शामिल नहीं है. पर लखीमपुर खीरी के किसानों के मेहनत के कारण उत्तर प्रदेश से पहली बार केले की फसल का निर्यात किया गया. उत्तर प्रदेश में अब केले की खेती पहले की अपेक्षा ज्यादा भी हो रही है. अगर भारत में केला उत्पादक राज्यों को देखें तो महाराष्ट्र में सबसे अधिक केले का उत्पादन होता है, महाराष्ट्र के बाद तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात,आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों का नाम आता है.
ईरान गया लखीमपुर का केला
लखीमपुर खीरी में ऊपजाई गए केले को सबसे पहले काट कर लखनऊ भेजा गया. जहां इन केलों को मैंगो पैकिंग हाउस में इसे पैक किया गया. इसके बाद इन केलों को कंटेनर में पैक कर 40 टन केला ईरान भेजा गया. यह केले ईरान बतौर ट्रायल के लिए भेजे गए है. यह पहली बार है जब यूपी से केले की फसल का निर्यात हुआ है. केले भेजन के समय राज्य के अपर मुख्य सचिव कृषि एवं विपणन तथा लखीमपुर, बरेली और लखनऊ के किसानों को भी बुलाया गया था.
उत्तर प्रदेश में कृषि को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की एंजेजी APEDA ने काफी सुदृढ़ ढंग से काम किया है. इस क्रम में 14 अक्टूबर को लखीमपुर के केले की पहली खेप ईरान भेजी गई है. इन केलों को देसाई एग्रो फूड्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा भेजी गई. केले की यह खेप समुद्री मार्ग द्वारा भेजी जा रही है.
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