Varanasi News: धर्म नगरी काशी में ऐसे अनेक प्राचीन मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, जिनकी मान्यताएं पुराणों-शास्त्रों में भी वर्णित है. इसी क्रम में वाराणसी के अस्सी - भदैनी स्थित क्षेत्र में लोलार्क कुंड है जहां पर भादो के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्नान करने से व्यक्ति की वह सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. जिसके लिए वह संकल्पित है. इस दिन यहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं. 9 सितंबर को इस वर्ष यह तिथि निर्धारित है, जहां भारी संख्या में लोगों के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है.



भादो के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को काशी के इस लोलार्क कुंड में स्नान के लिए लाखों लोगों के पहुंचने की संभावना है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस कुंड को सूर्य कुंड भी कहा जाता है. काशी के धर्माचार्य बताते हैं कि सबसे पहले सूर्य की किरण इस कुंड में पड़ती है, जिसकी वजह से यहां का जल काफी शक्तिशाली होता है. गंगा घाट किनारे पवित्र तिथि में इस कुंड में स्नान का विशेष महत्व है. किसी भी रोग, बाधा, कष्ट से मुक्ति के साथ-साथ सभी सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए निर्धारित तिथि में श्रद्धालु स्नान करते हैं.

पुलिस प्रशासन ने किए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
विशेष तौर पर दंपति यहां पर संतान प्राप्ति के लिए देर रात से ही कतार में लगकर सूर्योदय के ठीक बाद कुंड में स्नान के लिए पहुंचते हैं. मान्यता है कि यहां पर स्नान करके और अपने शरीर पर पहने हुए वस्त्र को इस स्थल पर छोड़ने के बाद दंपति को संतान की प्राप्ति होती है. यहां पर फल , तिल और अनेक प्रकार की पूजन सामग्री को दान करने का भी विशेष महत्व है. वहीं वाराणसी पुलिस प्रशासन और स्थानीय जिला प्रशासन ने सुरक्षा, बैरिकेडिंग से लेकर रूट डायवर्जन की पूरी व्यवस्था पहले ही तय कर दी है. ऐसे में देखना होगा कि इस बार लोलार्क कुंड में कितने श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं.

भीड़ को देखते हुए जुगाड़ को तलाशते नज़र आ रहें लोग
हर वर्ष यहां पर भादो के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को बड़ी संख्या में श्रद्धालु कुंड में स्नान के लिए पहुंचते हैं. न सिर्फ काशी और आसपास के जनपद से बल्कि इस बार तो दूसरे राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंचते नजर आ रहे हैं और सबसे दिलचस्प बात है कि काशी के स्थानीय लोगों से संपर्क करके इस बात के लिए भी कहते नजर आ रहे हैं की भीड़ से बचने के लिए अगर कोई जुगाड़ अथवा व्यवस्था हो तो उसके बारे में भी बताया जाए, जिससे आसानी से कुंड में स्नान हो जाए. 


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