Banaras Hindu University: काशी हिंदू विश्वविद्यालय एशिया का सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय है. शिक्षा के साथ-साथ संस्कृति और विरासत को संजोए इस परिसर में देश के साथ-साथ विदेश से भी अच्छी संख्या में छात्र पढ़ने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था को अब अभेद बनाने की तैयारी है. विशेष तौर पर बीते वर्ष IIT - BHU घटना के बाद परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक बनाने की तैयारी है जिसमें काशी हिंदू विश्वविद्यालय में सभी संकाय, IIT, IMS सहित ट्रामा सेंटर में हर वाहन - व्यक्ति के आवागमन पर स्थापित होने वाले कमांड सेंटर के माध्यम से पैनी नजर रखी जाएगी.


BHU प्रशासन की तरफ से एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के अनुसार, विश्वविद्यालय से जुड़े प्रत्येक सदस्य की सुरक्षा के लिए प्रशासन अब एक नए सिरे से  व्यवस्था को विकसित करने पर जोर दे रहा है . महीनों  पहले ही काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी जिसमें वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट, जिला प्रशासन, सहित IIT - BHU के डायरेक्टर व अन्य अधिकारी भी मौजूद थे. इस बैठक में एडवांस सीसीटीवी कैमरे के साथ-साथ परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने पर निर्णय लिया गया था.


हाईटेक होगी BHU की सुरक्षा
ऐसे में परिसर में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं कर्मचारियों के अलावा भी मेडिकल इलाज, राहगीर और अन्य लोगों का आना जाना होता है इसलिए किसी के आवागमन को बिना प्रभावित किए परिसर की ही सुरक्षा व्यवस्था को और दुरुस्त बनाने का पूरा प्रारूप तैयार कर लिया गया है. बहुत जल्द BHU परिसर में ही हाईटेक कमांड सेंटर को स्थापित किया जाएगा जिसकी मदद से परिसर के प्रत्येक स्थितियों पर हर पल नजर रखी जा सकेगी.  इसके माध्यम से परिसर में रिकॉर्ड हुए वीडियो - फुटेज को लंबे समय तक रिकॉर्ड में रखा जा सकेगा. इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है और लगभग सितंबर - अक्टूबर माह से इस व्यवस्था को शुरू करने की भी तैयारी है.


काशी हिंदू विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर तकरीबन 1300 एकड़ में फैला है जिसमें 14 संकाय सहित 140 विभाग हैं. निश्चित ही बीते वर्ष हुई IIT - काशी हिंदू विश्वविद्यालय की घटना के बाद परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे थे. बड़ी संख्या में परिसर में आने वाले बाहरी लोगों पर भी नजर रखना परिसर में तैनाश सुरक्षाकर्मियों के लिए बड़ी चुनौती थी. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि परिसर के  शैक्षणिक माहौल को और बेहतर बनाने व प्रत्येक सदस्य की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिए जा रहे हैं.


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