Varanasi News: BHU अपने हरे भरे हरियाली युक्त वातावरण के लिए जाना जाता है. यही वजह है कि परिसर में प्रवेश करते ही लोगों को एक खुशनुमा प्राकृतिक माहौल का अनुभव होता है. बीते दिनों काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में वृक्षों के कटाव का मुद्दा काफी सुर्खियों में रहा है. इसी बीच छात्रों द्वारा इस मामले को लेकर खूब विरोध जताया गया था कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में काफी तेज गति से वृक्षों का कटाव हो रहा है, जिससे सीधे तौर पर विश्वविद्यालय परिसर का पर्यावरण प्रभावित हो रहा है.


इस मामले कों लेकर BHU पूर्व छात्र और अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने NGT दिल्ली में एक पिटीशन दायर किया है, जिसमें बीते एक दशक में परिसर में हुए वृक्षों के कटाव की संख्या और वृक्षों के कटाव के प्रमुख वजह की जांच की मांग की गई है. इस मामले में अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान कहा कि बीते एक दशक में जिस तरह से परिसर में वृक्षों का कटाव हुआ है वह हैरान करने वाला है. हम खुद वहां के छात्र रहे हैं और परिसर का शैक्षणिक माहौल व प्राकृतिक सुंदरता अन्य परिसर की तुलना में काफी अलग रहा है. यही वजह है कि अगर इसी तरह वर्षों का कटाव होता रहा तो इससे न केवल परिसर के वातावरण को नुकसान पहुंचेगा बल्कि उसकी धरोहर को भी यह नष्ट करने वाला साबित हो सकता है.


वृक्षों के कटाव पर छात्रों ने जताया विरोध
इसको लेकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शोध छात्र वैभव कुमार तिवारी का कहना है कि परिसर में वृक्षों का कटाव हुआ है, इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई ध्यान नहीं रहा. इतना ही नहीं अपनी इस हरकत को छुपाने के लिए पेड़ों को जानबूझकर सुखवाकर उसे काटने का प्रयास भी किया गया है. हालांकि इस विषय पर विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि विश्वविद्यालय की धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता का भली भांति ध्यान दिया जा रहा है और वृक्षों का अनावश्यक कटाव नहीं हो रहा है.


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