बांदा उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित है. ये जिला अपनी गौरवशाली इतिहास के लिए जाना जाता है. इसे शजर पत्थरों का शहर भी कहा जाता है. दरअसल केन नदी के तट पर बसे होने के कारण यहां शजर पत्थर पाएं जाते हैं. इस जिले को महर्षि वामदेव की तपोभूमि मानी जाती है. जब यूपी का गठन नहीं हुआ था तब बांदा इलाहाबाद डिवीजन अंतर्गत आता था. प्राचीन समय में बांदा व्यपार का प्रमुख केंद्र हुआ करता था.
इतिहास
- पौराणिक कथाओं मुताबिक आर्य यहां रहा करते थे इसका जिक्र ऋग्वेद में मिलता है.
- खुदाई के दौरान बांदा में पाषाण काल और नवपाषाण काल के पत्थरों की मूर्तियां मिली.
- इतिहासकारों के मुताबिक यहां के पहले शासक यायात्री थे बाद में इस क्षेत्र पर यायाशी के बड़े बेटे यदु ने यहां राज किया.
- चौथी शताब्दी ईसा पूर्व बांदा मगध के अंतर्गत आता था. कालिंजर पहाड़ी की चोटी पर चंदेलों ने यहां किला बनवाया जो भव्य वास्तुकला का अद्भूत नजारा है.
आबादी
- बांदा की आबादी 17,99,410 है इसमें पुरुषों की संख्या 9,65,876 है इसके अलावा महिलाओं की संख्या 8,33,534 है.जिले की जनसंख्या घनत्व 408 वर्ग किमी है.
- बांदा का लिंगानुपात प्रति हजार पर 863 महिलाएं हैं.
- बांदा की 66.67 प्रतिशत लोग पढ़ी- लिखी है.
क्षेत्रफल
- बांदा 4,408 वर्ग किमी में फैला हुआ है, जिले के अंतर्गत 761 गांव आते हैं.
- बांदा में पांच तहसील नरैनी, बबेरू, पैलानी, बांदा, और अतर्रा हैं. वहीं जिले में चार विधानसभा और एक लोकसभा की सीट है.
- बांदा के अंतर्गत 8 प्रखंड (ब्लॉक) आते हैं.
भाषा
बांदा में हिंदी और बुंदेली बोली जाती है.
नदी
बांदा केन नदी के किनारे बसा हुआ है. इसके अलावा बाघिन और यमुना यहां की प्रमुख नदियां हैं.
अर्थव्यवस्था
जिले में तीन प्रमुख फसल खरीफ, रबी जैद है. बांदा में गेंहू, धान मक्का, दाल, तिलहन की खेती की जाती है इसके अलावा फलों में आम और अमरूद उगाए जाते हैं.
पर्यटन स्थल
- बांदा के धार्मिक पर्यटन स्थल के तौर पर बामदेव मंदिर, माहेश्वरी देवी मंदिर, सीतामाता स्वामी मंदिर और सिद्धिदात्री विंध्यवासिनी देवी मंदिर है
- जिले में अन्य घूमने के लायक स्थान भूरागढ़ किला, कालिंजर का किला और नवाब टैंक है.
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