बांदा: बांदा में जिलाधिकारी के आदेशों के बाद महाराष्ट्र के पुणे में बंधक बनाये गये 14 मजदूरों को मुक्त कराकर बांदा लाया गया. बीतें कई महीनों से इन मजदूरों को बंधक बनाकर काम लिया जा रहा था. परिजनों द्वारा जिलाधिकारी को सूचना देने के बाद डीएम ने एक टीम बंधकों को छुड़ाने के लिये भेजी थी जो आज मजदूरों को वहां से लेकर बांदा पहुंची.
मजदूरों के बच्चों से करवाया जाता था काम
मामला बिसंडा थाना क्षेत्र के बाघा गांव का है, जहां के रहने वाले तीन परिवार जिसमे लगभग 14 लोग मजदूरी करने महाराष्ट्र गये थे. वहां पहुचते ही उन्हें बंधक बनाकर काम करवाया जाने लगा और उनको मजदूरी भी नहीं दी जाती थी. मजदूरों के साथ में परिवार के 9 बच्चे जो कि नाबालिग थे, उनसे भी जोर जबरदस्ती से काम लिया जाता था. परिजनों को जब इस बात की जानकारी हुई तो इसकी सूचना उन्होंने जिलाधिकारी बांदा को दी और साथ में एक संस्था जो कि मजदूरों के हितों के लिए काम करती है, उनको दी गई.
जबरन कराया जाता था काम
जिलाधिकारी के आदेश के बाद एक टीम बनाकर महाराष्ट्र भेजी गई, जहां उन्होंने मजदूरों को वहां से मुक्त कराया और साथ में बांदा लेकर आये. बांदा पहुंचते ही सबसे पहले सभी की कोरोना की जांच कराई गई व सभी के रहने व खाने का इंतजाम किया गया. मजदूरों ने बताया कि, मालिक द्वारा जबरन उनसे काम कराया जाता था और मजदूरी भी नहीं दी जाती थी. इसके अलावा न ही खाने का उचित इंतजाम था. साथ ही मजदूरी मांगने पर मालिकों द्वारा धमकाया जाता था. प्रशासन की मुहिम के बाद बंधन मुक्त होते ही सभी मजदूरो में खुशी की लहर दौड़ गई.
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