उत्तर प्रदेश की बांदा लोकसभा सीट पर इस वक्त भारतीय जनता पार्टी के भैरों प्रसाद मिश्रा सांसद हैं, जिन्होंने साल 2014 के चुनाव में यहां पर बसपा के दिग्गज नेता आर के सिंह को हराया था। सियासी तौर पर काफी महत्वपूर्ण माने जाने वाले बांदा शहर में आज भी विकास की गति काफी धीमी है, यहां पानी की समस्या काफी गंभीर है और अक्सर पेय जल संकट यहां पर चुनावी मुद्दा बनता आया है लेकिन आज तक इसका स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। वैसे बांदा जिला चित्रकूट मंडल का हिस्सा है, इस शहर का नाम महर्षि वामदेव के नाम पर रखा गया था, यहां 'शज़र' के पत्थर पाए जाते है जिनका उपयोग गहने बनाने में किया जाता है, इसे पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि मिलती है, यहां की साक्षरता दर 66.67% है, जिनमें पुरुषों की साक्षरता दर 77.78% जबकि महिलाओं की साक्षरता दर 53.67% है।


कौन कौन हैं ये प्रत्याशी


भाजपा ने इस बार बांदा लोकसभा सीट से भैरों प्रसाद मिश्रा का टिकट काटकर आरके पटेल को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस से बाल कुंवर पटेल हैं। महागठबंधन ने सपा से श्यामा चरण गुप्ता को टिकट दिया है। नामी कारोबारी श्यामा चरण गुप्ता भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुये हैं।


बांदा का इतिहास


बांदा के चारों तरफ अनेक पर्यटन स्थल हैं, इस शहर से लगे चित्रकूट और कालिंजर को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में सैलानी आते हैं, इस संसदीय क्षेत्र में उत्तरप्रदेश की कुल पांच विधानसभा सीटें आती हैं, जिनके नाम हैं बाबेरु, नारैनी, बांदा, चित्रकूट और माणिकपुर, जिसमें नारैनी की विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 1957 में पहला आम चुनाव हुआ था और कांग्रेस के राजा दिनेश सिंह यहां के पहले एमपी बने थे, 1967 से लेकर 2004 तक अलग अलग पार्टी के लोग यहां से जीत कर लोकसभा में बांदा का प्रतिनिधित्व करते रहे, 2004 और 2009 में सपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की।


1967 के बाद यह पहला मौका था जब किसी पार्टी ने बांदा की सीट पर लगातार दूसरी बार कब्ज़ा किया था। वर्तमान में यहां से भारतीय जनता पार्टी के भैरों प्रसाद मिश्रा सांसद है, 63 वर्षीय भैरों प्रसाद मिश्रा मानव संसाधन विकास से जुड़े मामलों की स्थाई समिति के सदस्य भी हैं, मौजूदा लोकसभा में इनकी उपस्थिति 100% रही है, तो वहीं इन्होंने 1722 चर्चाओं में हिस्सा लिया है, इन्होंने सदन में अब तक 11 व्यक्तिगत सदस्य बिल पेश किए हैं, कुल मिलाकार सदन में इनका रिकार्ड काफी अच्छा रहा है, उन्हें साल 2017 में सबसे सक्रिय सांसद भी चुना गया था।


साल 2014 के चुनावों में इस सीट पर BSPदूसरे, सपा तीसरे और कांग्रेस चौथे नंबर पर रही थी। साल 2014 में यहां पर 1601855 मतदाताओं ने अपने मतों का इस्तेमाल किया था, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 55 प्रतिशत और महिला मतदाताओं की संख्या 44 प्रतिशत थी। बांदा की 77 प्रतिशत आबादी हिंदू और 21 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिमों की है।