Banda: बांदा में यमुना और केन खतरे के निशान के ऊपर, मुख्य सड़क से टूटा दो दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क
उत्तर प्रदेश के बांदा में यमुना और केन नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं जिसके कारण दो दर्जन से अधिक गांवों का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट गया है और वहां नाव का सहारा लिया जा रहा है.
UP News: बांदा (Banda) में यमुना (Yamuna) और केन (Ken) नदी से बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है जिसकी वजह उनका खतरे के निशान को पार कर जाना है. नदी किनारे बसे गांवों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ने लगी है. हालांकि प्रशासन का दावा है कि बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है और प्रभावित क्षेत्रों पर राजस्व और पुलिस की टीमों को तैनात कर बाढ़ चौकियों के माध्यम से 24 घंटे नजर रखी जा रही है.
इन बांधों से छोड़ा गया है पानी
मध्य प्रदेश की घाटियों में जबरदस्त बारिश के चलते रनगवां और गंगऊ बांध से पानी छोड़े जाने के कारण बांदा में बहने वाली केन और यमुना नदी उफान पर है जिसके चलते जनपद के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है. हालांकि केन नदी अभी धीमी रफ्तार से घट रही है लेकिन यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. कल खतरे के निशान से करीब दो मीटर नीचे बहने वाली यमुना नदी आज खतरे के निशान को पार कर गई है. केन भी अभी खतरे के निशान से लगभग डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है जिसके चलते नदी किनारे बसे गांवों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है. पैलानी तहसील के करीब दो दर्जन से अधिक गांवों का मुख्य मार्ग से संपर्क कट गया है और नाव के जरिए लोग आवागमन कर रहे हैं.
प्रशासन ने आने-जाने के लिए की नाव की व्यवस्था
बाढ़ संकट को देखते हुए प्रशासन भी सतर्क है. प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया जा रहा है और प्रभावित क्षेत्रों पर बाढ़ चौकियों के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है. बांदा के जिला अधिकारी अनुराग पटेल ने बताया कि जनपद की दोनों प्रमुख नदियां केन और यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. हालांकि केन नदी में अब पानी धीरे-धीरे घट रहा है लेकिन यमुना का पानी लगातार बढ़ रहा जिसके चलते बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर प्रशासनिक अधिकारी लगातार दौरा कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं. जहां पर संपर्क मार्ग टूट गया वहां नाव के द्वारा आवागमन किया जा रहा है. प्रशासन के द्वारा राहत और बचाव कार्य के तहत लोगों के लिए अतिरिक्त नाव की व्यवस्था कर दी गई है.
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