Banda News: बांदा (Banda) की दोनों प्रमुख नदियां यमुना और केन के उफान पर होने के कारण बाढ़ का खतरा गहराने लगा हैं. केन नदी खतरे के निशान से लगभग डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है, वहीं यमुना खतरे के निशान से लगभग 1 मीटर दूर है और लगातार दोनों का जलस्तर बढ़ रहा है. जिसके चलते नदी के किनारे बसे कुछ गांव में बाढ़ का पानी पहुंचने लगा है.
नदियों के उफान के बाद बाढ़ का गहराया संकट
करीब 2 दर्जन से अधिक गांवों का मुख्य मार्ग से संपर्क कट गया है और नाव के जरिए लोग आवागमन कर रहे हैं. बाढ़ के खतरे को लेकर प्रशासन भी अलर्ट मोड़ पर है.इसी के साथ जिलाधिकारी ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया. मध्यप्रदेश की घाटियों में जबरदस्त बारिश के चलते बुंदेलखंड के बांदा में भी केन और यमुना नदी ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है.
केन नदी खतरे के निशान से लगभग डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है, वहीं यमुना नदी खतरे के निशान से लगभग एक मीटर नीचे है. दोनों ही नदियों का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. जिसके चलते बांदा के चिल्ला, पैलानी और जसपुरा क्षेत्रों के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है और इन गांवो का मुख्य मार्गों से संपर्क टूट गया है. जिसकी वजह से इन गांव मे नाव के माध्यम से लोग आवागमन कर रहे हैं. बाढ़ संकट को देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट मोड़ पर है. जिलाधिकारी सहित कई प्रशासनिक अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया.
नदी किनारे बसे गांव को जारी किया गया अलर्ट
साथ ही जिलाधिकारी ने नदी किनारे बसे गांवों पर अलर्ट जारी कर राहत टीमों को 24 घंटे स्थिति पर नजर बनाए रखने के निर्देश जारी कर दिए हैं. जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने बताया कि केन नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसलिए नदी के किनारे के कुछ गांव के नजदीक पानी पहुंच गया है लेकिन अभी खतरे की कोई बात नहीं लोग नाव के द्वारा आवागमन कर रहे हैं. राहत और बचाव टीमों को निर्देश दे दिया गया है कि वह 24 घंटे स्थिति में नजर बनाए रखेंगे.
अगर आवश्यकता पड़ती है तो प्रभावित गांव से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया जाएगा. जिलाधकारी ने बताया कि राहत की बात यह है कि अभी बारिश नहीं हो रही है लेकिन मध्य पदेश में हुई भारी बारिश के बाद केन नदी में रनगवां और बरियारपुर बांध का पानी छोड़े जाने की वजह से नदी में बाढ़ आई है.
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