Banda News: यूपी (UP) के बांदा (Banda) में पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति (Brajesh Prajapati)  को कोर्ट ने जेल भेज दिया. दरअसल, यह मामला 2018 का है जब बांदा के तत्कालीन खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह (Shailendra Singh) ने बृजेश प्रजापति पर उन्हें बंधक बनाने, गाली गलौज और जान से मारने की धमकी देने के मामले में शहर कोतवाली में उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था. उस समय बृजेश प्रजापति तिंदवारी सीट से बीजेपी से विधायक थे. मामले में पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति ने कोर्ट जमानत अर्जी दाखिल की थी लेकिन कोर्ट ने जमानत न देते हुए पूर्व विधायक को 1 दिन के लिए बांदा जेल भेज दिया है. अब जमानत अर्जी पर 30 अगस्त को कोर्ट में फिर सुनवाई होगी. इस दौरान पूर्व विधायक ने अपने ऊपर लगे आरोपों को फर्जी बताया.


क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह पूरा मामला 2018 का है जब बृजेश प्रजापति तिंदवारी विधानसभा से बीजेपी विधायक थे. उस समय बांदा में तैनात खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने विधायक बृजेश प्रजापति पर आरोप लगाया था कि बृजेश प्रजापति ने उन्हें सर्किट हाउस में बुलाकर उसे बंधक बनाकर, मां और उसके साथ मारपीट की थी. साथ ही खनिज पट्टों मैं पैसे की मांग की थी और न देने की दशा में जान से मारने की धमकी भी दी. इस मामले में खनिज अधिकारी की तहरीर पर कोतवाली नगर में आईपीसी की धारा 147 ,148 149 ,342, 353, 504, 506,और 323 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. इसी मामले में कोर्ट ने बृजेश प्रजापति को तलब किया था जिसके चलते बृजेश प्रजापति ने  29 अगस्त को एमपी-एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण कर जमानत अर्जी दाखिल की थी. जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर पूर्व विधायक को जेल भेज दिया है और इस मामले में 30 अगस्त को जमानत अर्जी पर कोर्ट में सुनवाई होगी.


30 अगस्त को कोर्ट में होगी सुनवाई
वहीं इस मामले में आरोपी पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति का कहना है कि 2018 में तत्कालीन खनिज अधिकारी के द्वारा उनके विरुद्ध एक फर्जी मुकदमा लिखाया गया था जिसके चलते उन्होंने 29 अगस्त को अदालत में आत्मसमर्पण किया था जिसमें उन्हें अदालत ने जेल भेज दिया. लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है उनके साथ न्याय होगा.वहीं आरोपी विधायक ने निशाना साधते हुए कहा कि सरकार उनके खिलाफ कार्य कर रही है. बता दें कि 2017 में आरोपी विधायक बृजेश प्रजापति जनपद की तिंदवारी सीट से बीजेपी से विधायक निर्वाचित हुए थे. लेकिन 2022 में वे स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ सपा में शामिल हो गए थे और इसी सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और हार गए थे.


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