Navratri 2022: मां भगवती के जयकारों से भक्तिमय हुआ माहौल, करीब 220 दुर्गा पंडालों से सजा बांदा शहर
Banda Durga Pandals: बांदा में जगह -जगह सजे दुर्गा मां के पंडालों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है.अकेले बांदा शहर क्षेत्र में 200 से ऊपर देवी पंडाल बनाये गए हैं.दूर
Banda News: नवरात्रि (Navratri 2022) का पर्व शुरू होते ही ऋषि महादेव की नगरी के नाम से विख्यात बांदा (Banda) शहर भक्ति में डूब जाता है. खासकर जगह -जगह सजे दुर्गा मां के पंडालों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है और पूरा शहर मां के जयकारों से गूंज उठता है. बांदा में इस बार 500 से अधिक दुर्गा प्रतिमा स्थापित की गई है जबकि अकेले बांदा शहर क्षेत्र में 200 से ऊपर देवी पंडाल बनाये गए हैं.
दूर-दूर से पंडालों के दर्शन करने आते हैं लोग
नवरात्रि पर्व में समूचे देश में भक्तों द्वारा 9 दिनों तक दुर्गा मां के पंडाल सजा कर देवी प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं. बांदा में भी देवी भक्त नवरात्रि पर्व बहुत जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं. बांदा में जगह-जगह मां के पंडाल सजाए जाते हैं जहां पर सुबह और शाम भक्तों का भारी तांता लगता है. लोग दूर-दूर से पंडालों में स्थापित देवी प्रतिमाओं के दर्शन करने आते हैं और मां के जयकारों से पूरा बांदा भक्ति में लीन हो जाता है.
बांदा में यह प्रथा लगभग 100 सालों से भी अधिक समय से चली आ रही है. पंडालों में स्थापित देवी प्रतिमाओं का हर रोज बदल-बदल कर श्रृंगार किया जाता है और यह सजावट दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जाती है और दशवें दिन भक्त पंडालों में स्थापित प्रतिमाओं की पूरे शहर में शोभायात्रा निकाल कर इन प्रतिमाओं को नदी में विसर्जित करते हैं. शहर में पंडालों के अलावा यहां के प्रसिद्ध महेश्वरी देवी और काली देवी मंदिर में भी 9 दिनों तक पूजा अर्चना के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है.
करीब 220 दुर्गा पंडाल लगाए गए
नवरात्रि की शुरुआत से पहले ही प्रशासन भी इसकी तैयारी में जुट जाता है और सुबह शहर की साफ-सफाई से लेकर कानून व्यवस्था की कड़ी निगरानी की जाती है. बांदा के सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने बताया कि इस बार बांदा शहर में करीब 220 दुर्गा पंडाल स्थापित किए गए हैं .देवी पंडालों में किसी तरह की अव्यवस्था ना हो इसको लेकर प्रशासन द्वारा नजर रखी जा रही है इसके साथ ही प्रत्येक पंडाल में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.देवी पंडाल और उसके आसपास के क्षेत्र में सुबह 4:00 बजे से ही साफ सफाई करा दी जाती है जिससे कि सुबह प्रतिमाओं के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कोई समस्या ना हो.
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