UP News: बाहुबली और माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) सवा साल से बांदा जेल (Banda Jail) में बंद है और जब से वह पंजाब की रोपड़ जेल (Ropar Jail) से बांदा आया है तब से जेल के सबसे बड़े अधिकारी यानी सीनियर सुपरिटेंडेंट (Senior Superintendent ) की कुर्सी खाली पड़ी है. ऐसा नहीं है कि शासन ने बांदा जेल में सीनियर सुपरिटेंडेंट की तैनाती की कोशिश नहीं की लेकिन जब भी इस कुर्सी पर पोस्टिंग का फरमान जारी किया जाता है, संबंधित अधिकारी कदम पीछे खींच लेते हैं. सवा साल में गृह विभाग (Home Department) की तरफ से तीन बार सीनियर सुपरिटेंडेंट की तैनाती का प्रयास किया गया लेकिन तीनों ने ही कोई न कोई बहाना बना कर मना कर दिया.


स्वास्थ्य कारणों से छुट्टी पर गए अधिकारी


7 अप्रैल 2021 को मुख्तार अंसारी को बांदा जेल लाया गया. डॉन क खौफ जेल के अधिकारियों में इस कदर है कि उसके बांदा जेल आने के बाद से वहां के सीनियर सुपरिटेंडेंट की कुर्सी पर कोई बैठना ही नहीं चाहता. 17 मई 2021 को उन्नाव जेल के सुपरिटेंडेंट अरुण कुमार सिंह को बांदा जेल भेजा गया. हालांकि, वह बांदा में ज्यादा दिन टिक नहीं सके. 16 अक्टूबर 2021 को अरुण कुमार सिंह छुट्टी पर चले गए. वजह पूछने पर उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया. 11 नवंबर 2021 को उन्हें लखनऊ की संपूर्णानंद कारागार से संबद्ध कर दिया गया. इसके बाद से गृह विभाग को बांदा के नए सीनियर सुपरिटेंडेंट की तलाश है.




सस्पेंड हुए पर नहीं मानी अधिकारी ने बात


11 नवंबर 2021 को बरेली जेल के सुपरिटेंडेंट विजय विक्रम सिंह को बांदा भेजा गया. हालांकि, विजय विक्रम सिंह ने बांदा जेल में तैनाती स्वीकार नहीं की. गृह विभाग ने ज्वाइन न करने पर उन्हें चेतावनी दी, बावजूद इसके वह अपने निर्णय पर डटे रहे. आखिर शासन ने आदेश की अवहेलना करने पर विजय विक्रम सिंह को सस्पेंड कर दिया. इस दौरान बांदा जेल के सुपरिटेंडेंट की तलाश जारी रही.


बांदा की जगह बाराबंकी करा लिया ट्रांसफर


30 जून 2022 को लखीमपुर जेल के सीनियर सुपरिटेंडेंट पीपी सिंह को बांदा जेल भेजने का आदेश दिया गया. हालांकि, पीपी सिंह ने बांदा जेल का चार्ज लेने के बजाय जुगाड़ लगाकर अपना ट्रांसफर बाराबंकी जेल करा लिया. पीपी सिंह सीनियर सुपरिटेंडेंट है और बाराबंकी जेल में सिर्फ सुपरिटेंडेंट का ही पद है. ऐसे में पीपी सिंह ने बांदा जेल में तैनाती के बजाय अपने पद से एक पायदान नीचे नौकरी करना ठीक समझा.


इस वजह से डर रहे हैं अधिकारी


जेल अधिकारी इस बात से भी आशंकित हैं कि मुख्तार अंसारी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बांदा जेल ट्रांसफर किया गया है और सुप्रीम कोर्ट की उसकी सुरक्षा की निगरानी भी कर रहा है. ऐसे में अगर कोई अनहोनी हो जाती है तो उनकी गर्दन नप सकती है. इससे पहले मुख्तार के शार्प शूटर मुन्ना बजरंगी और हार्डकोर क्रिमिनल मुकीम काला की जेल में हत्या हो चुकी है. मुख्तार अंसारी के परिवार के लोग भी जेल में उसकी हत्या की आशंका जता चुके हैं. इन हालातों में जरा भी अनहोनी होने पर जेल के अधिकारियों की मुसीबत होनी तय है. उन्हें विभागीय जांच से लेकर सीबीआई इंक्वायरी और निलंबन से बर्खास्तगी तक झेलना पड़ सकता है. 


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मंत्री ने किया आश्वस्त, नियुक्त होंगे अधिकारी


आपको बता दें कि जिस बांदा जेल में मुख्तार अंसारी बंद है, वह मंडल स्तर की जेल है जहां सीनियर सुपरिटेंडेंट ही तैनात किए जाते हैं. हालांकि, बांदा जेल में जब तक मुख्तार अंसारी रहा, वहां सीनियर सुपरिटेंडेंट की कुर्सी खाली रही. पंजाब जाने से पहले जब मुख्तार बांदा जेल में बंद था, तब भी वहां कोई सीनियर सुपरिटेंडेंट नहीं था. जेलर रंजीत सिंह ही जेल के सर्वे सर्वा हुआ करते थे. रंजीत सिंह ने मुख्तार को अफसरों से की जानकारी के बगैर पंजाब भेज दिया था. मामले की जानकारी के बाद गृह विभाग ने रंजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया था.  उधर जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति का कहना है कि बांदा जेल में जेलर तैनात हैं और वह ठीक से काम कर रहे हैं. जल्द ही जेल सुपरिटेंडेंट के पद पर भी नियुक्ति की जाएगी.


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