Banda News: दो वर्ष पहले छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बांदा (Banda) जिले के सीआरपीएफ (CRPF) जवान विकास कुमार को उनकी वीरता के लिए राष्ट्रपति ने मरणोपरांत शौर्य चक्र (Shaurya Chakra) से सम्मानित किया है. सम्मान पाने के बाद घर लौटे शहीद जवान के परिजनों का कहना है कि उन्हें खुशी है विकास के बलिदान को याद करके उन्हें सम्मानित किया गया है. साथ ही उन्हें जहां विकास की देश लिए शहादत पर गर्व है वहीं इस बात का दुख भी है कि अब दोबारा उसे कभी नहीं देख पाएंगे.


कब हुए थे शहीद
बांदा के लामा गांव के रहने वाले शहीद सीआरपीएफ जवान विकास कुमार सीआरपीएफ की कोबरा 204 बटालियन में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात थे. वे 10 फरवरी को छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गये थे. 9 फरवरी 2020 को छत्तीसगढ़ के इरापल्ली क्षेत्र में माओवादी नेताओं के छुपे होने की सूचना पर सीआरपीएफ टीम द्वारा एक ऑपरेशन की शुरुआत की गई थी जिसमें 10 फरवरी 2020 को सीआरपीएफ टीम और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई. 


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पत्नी और मां ने पुरस्कार लिया
इस मुठभेड़ में कई नक्सली भी मारे गए लेकिन उसी दौरान नक्सलियों से मुठभेड़ करते हुए सीआरपीएफ के बहादुर जवान विकास कुमार भी शहीद हो गए. विकास की शहादत के दो साल बाद राष्ट्रपति ने वीरता के लिए मरणोपरांत उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया है. यह पुरस्कार राष्ट्रपति भवन में 1 जून को शहीद की पत्नी नंदनी और उनकी मां कैलसिया देवी को राष्ट्रपति के द्वारा दिया गया.




पत्नी और मां ने क्या कहा
सम्मान लेने के बाद वापस घर लौटने पर शहीद के परिजनों ने कहा कि, विकास पर गर्व है कि देश की रक्षा करते हुए उसने अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया. इसके साथ ही शहीद विकास की पत्नी और मां का कहना है कि महामहिम राष्ट्रपति ने विकास की शहादत और बलिदान का मान रखते हुए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया है. इसके लिए वे राष्ट्रपति का आभार प्रकट करते हैं. 


वहीं विकास की पत्नी का यह कहना है कि, सरकार द्वारा उनकी याद में यहां कुछ कार्य कराने के लिए कहा गया था वे अभी तक नहीं हुए हैं. वहीं विकास की मां अपने बेटे का नाम आते ही भावुक हो गईं. उनका कहना है कि उन्हें इस बात का तो बहुत गर्व है कि उनके बेटे ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों को निछावर कर दिया लेकिन साथ ही इस बात का दुख भी है कि उनकी बहू के सामने अब पूरा जीवन पड़ा हुआ है.


इन लोगों को छोड़ गए पीछे
शहीद विकास अपने पीछे माता, पत्नी 2 साल की बेटी और दो भाइयों को छोड़ गए हैं. उनके पिता की भी 4 वर्ष पूर्व मौत हो चुकी है. विकास जिस समय शहीद हुए थे उनकी शादी को महज एक साल ही हुआ था. उनकी शादी 22 फरवरी 2019 को हुई थी और 12 फरवरी 2022 को वे शहीद हो गये. शहीद विकास बहुत ही बहादुर जवान थे. उन्होंने खुद ही सीआरपीएफ की सबसे जांबाज बटालियन कोबरा में जाने का फैसला लिया था.


सांसद ने क्या कहा
वहीं इस मामले में बांदा के सांसद आरके पटेल का कहना है कि, सरकार द्वारा शहीद होने वाले सभी जवानों का पूरा सम्मान किया जाता है. इसके साथ ही शहीद के परिवार को सरकार द्वारा सारी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती हैं. उन्होंने कहा कि विकास के परिवार की जो भी अपेक्षाएं होगी वे पूरी की जाएंगी.


जिलाधिकारी ने क्या कहा
वहीं बांदा के जिलाधिकारी का कहना है कि, शहीद विकास के नाम पर उनके घर तक सड़क का निर्माण किया जाना है और एक तोरण द्वार बनाया जाएगा. इसके साथ ही विकास की पत्नी को सरकारी नौकरी की भी दी जानी है जिसके लिए उनके द्वारा शासन से पत्राचार किया गया है. जल्द ही ये सारे कार्य पूर्ण किए जाएंगे. इसके अलावा शहीद के परिवार को जो भी सुविधाएं दी जाती हैं वे सब उपलब्ध कराई जाएंगी.


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