Bangladesh Crisis: बांग्लादेश से आ रहीं अल्पसंख्यकों से जुड़ी खबरों को लेकर अब काशी के संतों ने भी मोर्चा खोल दिया है. वाराणसी के मुख्यालय पर संत समिति, काशी विद्वत परिषद, पातालपुरी मठ और धर्मनगरी के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों के धर्माचार्य इकट्ठा हुए. इस दौरान सभी ने एक स्वर में बांग्लादेश में हिंदू धार्मिक स्थल पर हमले और धर्माचार्य की गिरफ्तारी के खिलाफ नाराजगी जाहिर की और भारत सरकार से बांग्लादेश के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की मांग कर दी.
वाराणसी के जिला मुख्यालय पर अखिल भारतीय संत समिति, काशी विद्वत परिषद, पातालपुरी मठ और श्री अन्नपूर्णा मंदिर सहित अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों के धर्माचार्य पहुंचे. सभी ने चर्चा के दौरान कहा कि - बांग्लादेश सरकार ने जिस प्रकार से हिंदुओं के खिलाफ अपना रवैया अपनाया है उसे कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस मामले में वाराणसी जिलाधिकारी एस. राजलिंगम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. काशी के संतो ने बांग्लादेश से सभी व्यापारिक संबंध को बंद करके वहां की सरकार के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की मांग की है.
काशी में बांग्लादेश के खिलाफ नहीं थम रहा गुस्सा
इससे पहले बांग्लादेश की सरकार के खिलाफ वाराणसी के अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था. इसके अलावा विभिन्न राजनीतिक दल और हिंदू संगठनो ने भी मोर्चा खोलकर बीते दिनों वाराणसी के सड़कों पर एक बड़ा मार्च निकाला था, इस दौरान बांग्लादेश सरकार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई. अब इस मामले पर काशी के संतों ने भी बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नाराजगी जताते हुए कठोर कार्रवाई की मांग कर दी है.
इधर, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शाहजहांपुर में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यों पर हो रहे जुल्म की निंदा की, ने कहा कि, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर जुल्म की इंतेहा हो गई. वह गीता जयंती समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे थे.
ये भी पढ़ें: गाजियाबाद में वकीलों की हड़ताल के बीच 8 दिनों में निपटे 2756 केस, लीगल एड डिफेंस काउंसलिंग बनी लोगों की ढाल