समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हिंसा के संदर्भ में प्रतिक्रिया देने के कुछ घंटे बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया ने भी टिप्पणी की है. पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर प्रतिक्रिया दी.


उन्होंने लिखा- बांग्लादेश में रह रहे हिन्दू समाज व अन्य अल्पसंख्यक चाहे वो किसी भी जाति व वर्ग के हों उन पर पिछले कुछ दिनों से हो रही हिंसा अति-दुःखद एवं चिन्तनीय. इस मामले को केन्द्र सरकार गम्भीरता से ले व उचित कदम उठाये, वरना इनका ज्यादा नुकसान ना हो जाये.


बता दें हिंसा और अराजकता के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर बांग्लादेश छोड़ दिया था. उनके बांग्लादेश छोड़ने के बाद सेना ने देश की कमान संभाली थी. राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अंतरिम सरकार का गठन हुआ.मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली, लेकिन हालात काबू में नहीं हैं. हिंदुओं के ऊपर हमले किए जा रहे हैं. उनके घरों, दुकानों और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है.


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5 अगस्त को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद से बांग्लादेश के 52 जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों, विशेषकर हिंदुओं के उत्पीड़न की असंख्य घटनाएं सामने आई हैं.लगातार जारी हिंसा देश में अंतरिम सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है, यहां मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में गुरुवार को अंतरिम सरकार का शपथ भी हो गया है, लेकिन हालात अभी भी बद-से-बदतर बने हुए हैं.


अखिलेश ने क्या कहा था?
सपा चीफ अखिलेश यादव ने बांग्लादेश हिंसा पर सोमवार को चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि कोई भी समुदाय चाहे वह बांग्लादेश का अलग नज़रियेवाला बहुसंख्यक हो या हिंदू, सिख, बौद्ध या कोई अन्य धर्म-पंथ-मान्यता माननेवाला अल्पसंख्यक, कोई भी हिंसा का शिकार नहीं होना चाहिए. भारत सरकार द्वारा इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार की रक्षा के रूप में सख़्ती से उठाया जाना चाहिए. ये हमारी प्रतिरक्षा और आंतरिक सुरक्षा का भी अति संवेदनशील विषय है.