Bank Strike: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के आह्वान पर शुक्रवार को दूसरे दिन भी बैंककर्मियों की हड़ताल से जनपद के लगभग तीन सौ बैंकों पर ताले लटके रहे. इस दो दिवसीय हड़ताल से जनपद में करीब दो अरब का लेन देन प्रभावित रहा. हड़ताली कर्मचारियों ने यूनियन बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करते हुए विशाल विरोध मार्च निकाला. जो सिविल लाईन से कलेक्ट्री कचहरी, रैदोपुर, एलवल होते हुए दोबारा सिविल लाइन स्थित क्षेत्रीय कार्यालय पर समाप्त हुआ. इस दौरान कलेक्ट्री कचहरी चौराहे पर बैंको के राष्ट्रीयकरण के पहले, वर्तमान एवं निजीकरण के होने के पश्चात होने वाली विसंगतियों पर विकास सिंह के निर्देशन में कर्मचारियों ने एक नुक्कड़ नाटक के द्वारा अपना विरोध दर्ज कराया.
'निजीकरण से जनता को होगी परेशानी'
हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को संबोधित करते हुए ग्रामीण बैंक अधिकारी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चन्द्र तिवारी कुंदन ने बैंको के निजीकरण का पुरजोर विरोध किया. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने जन जन तक पहुंचकर देश के आर्थिक, सामाजिक विकास में बहुमूल्य योगदान दिया है. सरकार के विभिन्न योजनाओं जनधन योजना, अटल पेंशन, मनरेगा, किसान क्रेडिट कार्ड, बीमा, आधार कार्ड आदि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंककर्मियों की दक्षता की वजह से सफल हो पाई है, जबकि प्राइवेट बैंकों का एक मात्र उद्देश्य मुनाफा कमाना है. ऐसे में निजीकरण से आम जनता को परेशानी उठानी पड़ेगी.
'ग्रामीण क्षेत्रों में ऋणों में आएगी रुकावट'
यूनियन बैंक अधिकारी एसोसिएशन के मंत्री विकास सिंह ने कहा कि निजीकरण से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि ऋण, छोटे और मध्यम उद्योगों को दिये जाने वाले ऋणों में व्यापक रूकावट आएगी. इसके साथ ही बैंककर्मियों की संख्या घटेगी. जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी और देश की आर्थिक सुदृढ़ता पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा. इस मौके पर यूनियन बैंक स्टॉफ एसोसिएशन के मंत्री विष्णु गुप्ता, राजेश सिंह, राजकुमार, रविकुमार लाल, रश्मि प्रियदर्शिनी, ब्रह्मांश तिवारी, दुर्गेश, रामप्रीत, इन्द्रजीत, जनार्दन, सरफराज, सुभाष श्रीवास्तव, रोशन, इरफान, सुरेश प्रसाद समेत सैकड़ों बैंककर्मी मौजूद रहे.
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